हमारे समाज में लड़कियों का बेहद महत्व है और आमतौर पर लड़कियां शादी के बाद ससुराल चली जाती हैं और अपनी बाकी जिंदगी वहीं बिताती हैं, लेकिन क्या आ जानते हैं कि एक हमारे देश में एक कोना ऐसा भी है, जहां शादी के बाद लड़कियां ससुराल नहीं जाती बल्कि दामाद ही लड़की के घर आकर रह जाता है.

नहीं होती दुल्हन की विदाई

ऐसे में क्या आपने कभी ऐसे गांव या समुदाय के बारे में सुना है जहां शादी होने के बाद दुल्हन, दूल्हे के घर नहीं जाती बल्कि दूल्हा, दुल्हन के घर पर आकर रहता हो. हमारे देश में एक कोना ऐसा भी है, जहां शादी के बाद लड़कियां ससुराल नहीं जाती बल्कि दामाद ही लड़की के घर आकर रह जाता है. यहां बात उत्तरप्रदेश के कौशांबी जिले स्थित हिंगुलपुर गांव के बारे में, जिसे दामादों का पुरवा यानी दामादों के गांव के तौर पर भी जाना जाता है.

.

रोजगार दिलाते हैं ससुराल वाले

इस शर्त की वजह से लड़की बिनब्याही रहे और फिर उसे आर्थिक दिक्कत हो जाए, इससे बचने के लिए यहां लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई पर खास जोर दिया जाता है. पढ़ाई के बाद उन्हें कोई न कोई हुनर जैसे सिलाई-बुनाई भी सिखाई जाती है ताकि वे आर्थिक रूप से किसी पर निर्भर न रहें.

आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश भारत में हिंगुलपुर केवल ऐसा अकेला गांव नहीं है. मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिला मुख्यालय के पास भी ऐसा ही एक गांव है, जहां दामाद आकर रहने लगते हैं. यहां का बीतली नामक गांव जमाइयों के गांव के नाम से मशहूर है.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.