सड़क दुर्घटना को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. यहां भी रोड ऐक्सिडेंट के बाद घायल का मुफ्त में इलाज करवाया जाएगा. दिल्ली की तरह अब बिहार में भी सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों का मुफ्त में इलाज होगा|
बिहार सरकार जल्द ही ऐसी योजना लाने जा रही है, जिसमें घायलों का सरकारी व निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज किया जा सकेगा|
बता दे राज्य के सरकारी अस्पतालों में पहले से ही मुफ्त इलाज की सुविधा है, पर कभी-कभी सड़क दुर्घटना के बाद अस्पताल जाने वाले घायलों को बिना इलाज किये ही रेफर कर दिया जाता है|
इलाज में देरी के कारण पीड़ित की जान भी चली जाती है.सरकार की नयी योजना लागू हो जाने के बाद सरकारी अस्पतालों को हर हाल में घायलों का इलाज करना होगा. दिल्ली में हुई सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में राज्य की परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने यह जानकारी दी|
वहीं मंत्री शीला कुमारी के अनुसार, इससे संबंधित मसौदा तैयार कर कैबिनेट की मंजूरी ली जायेगी. जल्द ही सरकार की यह योजना जमीन पर उतरेगी. मंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी|
इसलिए सभी डीएम को निर्देश भेजा जायेगा, ताकि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर काम करें और घायलों का इलाज हो सके. इसके लिए राज्य सरकार ने 46 ट्रोमा सेंटरों की सूची केंद्र सरकार को सौंपी है. इन सेंटरों में बहुत जल्द सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी|
बिहार में हर साल औसतन पांच हजार लोग सड़क दुर्घटनाएं के शिकार होते हैं. सीआइडी के आंकड़ों को देखें, तो बिहार में साल भर में हत्याएं दो हजार के लगभग होती हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाएं लगभग पांच हजार से अधिक|
सबसे अधिक एनएच-57 पर हर साल 600 और एनएच-31 पर 500 मौतें होती हैं.वहीं दिल्ली सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का आंकड़ा कम करने के लिए पहले से ही मुफ्त इलाज की व्यवस्था कर रखी है. सरकार सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वालों को पुरस्कृत भी करती है|