पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच केन्द्र सरकार (Central government) ने मंगलवार को एक अहम फैसला लिया है. इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार (Central government) ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए इसकी रजिस्ट्रेशन फीस (Registration Fee) माफ करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में मंगलवार शाम केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने अधिसूचना जारी कर दी है. इससे पहले नई स्क्रैपेज नीति में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रियायत का प्रावधान किया गया है.
मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदार को पंजीकरण शुल्क या पंजीकरण के रिन्यूवल (नवीनीकरण) के लिए शुल्क का भुगतान करने से छूट दी जाएगी. यानी आप नई इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदेंगे तो भी आपको रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देना होगा और फिर भविष्य में उसी गाड़ी के लिए आपको आरसी (RC) को रीन्यू कराने के लिए भी फीस नहीं देना होगा.
इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से 2 बड़े फायदे
रजिस्ट्रेशन फीस में छूट देकर सरकार लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इससे 2 बड़े फायदे तो स्पष्ट नजर आ रहे हैं. आप जानते हैं कि दुनियाभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही है. देश में तो पेट्रोल के भाव 100 रुपये प्रति लीटर के पार हो चुके हैं, वहीं डीजल भी शतक लगाने की ‘फिराक’ में है. ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने पर ढेर सारे पैसे बचेंगे. दूसरा बात ये कि पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियों से खूब सारा पॉल्यूशन फैलता है. इलेक्ट्रिक वाहनों से पर्यावरण प्रदूषित भी नहीं होगा. यह दूसरा बड़ा फायदा है.
दोपहिया, तिपहिया, चार पहिया… सभी को छूट
रजिस्ट्रेशन फीस में माफी का यह नियम बैटरी से चलने वाले सभी वाहनों पर लागू होगा, चाहे वे दोपहिया वाहन हों, तिपहिया वाहन हों या फिर चार पहिया वाहन.कुल मिलाकर देखा जाए तो सरकार का फोकस इस दिशा में है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के लिए आगे आएं. इस बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दी है.
यहां देखें मंत्रालय का ट्वीट
मंत्रालय ने ट्वीट में कहा है कि 2 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसके अनुसार बैटरी चालित वाहनों को पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने या नए पंजीकरण चिह्न असाइन करने के लिए फीस पेमेंट में छूट दी गई है. यानी ऐसे वाहन मालिकों को इन सेवाओं के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं करना होगा. बता दें कि केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 81 के अनुसार, वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 300 रुपये से 1500 रुपये तक है. ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने यह फैसला लिया है.
नहीं आया कोई सुझाव और न ही आपत्ति
केंद्रीय मंत्रालय ने करीब 2 महीने पहले इलेक्ट्रिक वाहनों को पंजीकरण शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव तैयार किया था. इस संबंध में तैयार मसौदे में मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पंजीकरण शुल्क माफ करने पर विचार किया जा रहा है. मंत्रालय ने आम लोगों और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे थे. लोग इस प्रस्ताव पर अपनी आपत्ति भी दर्ज करा सकते थे. इसके लिए एक महीने का समय दिया गया था. हालांकि इसको लेकर न तो कोई सुझाव आया और न ही कोई आपत्ति दर्ज कराई गई.