Raksha Bandhan 2021: ज्‍वैलर्स ने तैयार की शुद्ध सोने और चांदी की राखियां, जानिए इनकी कीमत

इस साल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) 22 अगस्‍त को मनाया जाएगा। इस खास अवसर बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है। गुजरात (Gujarat) के राजकोट स्थित ज्वैलर्स ने इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) से पहले शुद्ध सोने और चांदी की राखियां लॉन्च की हैं। जौहरी सिद्धार्थ सहोलिया ने बताया कि ये राखियां 22 कैरेट सोने से तैयार की गई हैं। उन्होंने कहा, “हम चांदी से बने 50 से अधिक डिजाइन और सोने से बनाये गए 15 डिजाइन पेश कर रहे हैं। सोने की राखियों का वजन 1 ग्राम से 1.5 ग्राम के बीच है। चांदी की राखियों की कीमत 150-550 रुपये रखी गई है।”

राजकोट सोने के गहनों का केंद्र होने के कारण अन्य राज्यों से ऐसी राखियों की काफी मांग है। सहोलिया ने कहा, ‘राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र और दिल्ली से भी सोने की राखियों की मांग की जा रही है। लोग नए कॉन्सेप्ट को पसंद कर रहे हैं।’ इन सोने से तैयार की गई राखियों की कीमत 6,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये प्रति पीस तक है। इन राखियों के डिजाइन बेहद खूबसूरत हैं इन्‍हें नक्काशीदार लकड़ी के डिब्‍बों में पैक किया गया है, जिनमें सूखे मेवे, चॉकलेट और अन्य सामग्री भी शामिल हैं।

सावन पूर्णिमा 2021 तिथि

हिन्दू पंचांग के अनुसार, 21 अगस्त दिन शनिवार को सावन मास की पूर्णिमा तिथि शाम 7 बजे से प्रारंभ हो रही हैं, वहीं इस तिथि का समापन 22 अगस्त दिन रविवार को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा। 22 अगस्त को उदयातिथि है, इसलिए रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार 22 अगस्त को मनाया जाएगा।

शुभ योग

इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर दो शुभ योग बन रहे हैं। पहला है शोभन योग जो 22 अगस्त को सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक बना हुआ है। मांगलिक और शुभ कार्यों के शोभन योग को श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है। ऐसे में सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक राखी बंधवा लेना उत्तम रहेगा। इस शुभ समय काल में यदि आप यात्रा करके बहन के यहां भी जाते हैं तो यह भी शुभकारी रहेगा।

रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर दूसरा योग धनिष्ठा नक्षत्र का बन रहा है। रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के दिन धनिष्ठा नक्षत्र शाम को 7 बजकर 40 मिनट तक है। धनिष्ठा का स्वामी ग्रह मंगल है। ऐसा माना जाता है कि धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोगों का अपने भाई और बहन से विशेष प्रेम होता है ऐसे में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का धनिष्ठा नक्षत्र में होना, भाई और बहन के आपसी प्रेम को बढ़ाता है।