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भारत में भले ही क्रिकेट (Cricket) की दीवानगी सिर चढ़कर बोलती है, लेकिन हॉकी (Hockey) को पूरा देश अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देखता है, इस खेल में हार और जीत हम पर गहरा असर डालती है. ऐसा ही कुछ हुआ जब रविवार के दिन टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Mens Hockey Team) ने अपना जलवा दिखाया.

भारत की ऐतिहासिक जीत

हॉकी के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारत (India) ने ग्रेट ब्रिटेन (Great Britain) को 3-1 से मात दी. 49 साल बाद भारतीय पुरुष हॉकी की टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है. इससे पहले मॉन्ट्रियल ओलंपिक (1972) में भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी. हालांकि भारतीय टीम ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन उस दौरान भारत ने 6 टीमों के पूल में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल का टिकट हासिल किया था.

कमेंटेटर्स की आंखों में आ गए आंसू

इस हॉकी मैच की हिंदी कमेंट्री का जिम्मा सुनील तनेजा (Sunil Taneja) और सिद्धार्थ पांडेय (Siddharth Pandey) संभाल रहे थे. जैसे ही रेफरी ने फाइनल सीटी बजाई, दोनों कमेंटेटर्स अपने जज्बात पर काबू नहीं रख पाए. उनकी आंखों में आंसू साफ नजर आ रहे थे. सोनी नेटवर्क के दोनों कमेंटेटर्स एक दूसरे का हौसला बढ़ा रहे थे. इन्होंने आखिर में रोते-रोते मैच का हाल सुनाया.

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