apanabihar 8 21

राजधानी पटना के रुकनपुरा के रहने वाले एक दंपति ने स्पाइनल मस्कुलर स्ट्राफी बीमारी से पीड़ित अपने 10 माह के अयांश को बचाने के लिए लोगों से मदद की गुहार लगाई है. इस बीमारी का इलाज 16 करोड़ के इंजेक्शन की एक डोज से संभव है. दंपति के पास इतने पैसे नहीं हैं जिसकी वजह से उन्होंने आम लोगों से लेकर सरकार तक से गुहार लगाई है ताकि अयांश को बचाया जा सके.

चिकित्सकों के अनुसार ये बीमारी एक लाख बच्चे में किसी एक को होता है. मेडिकल एक्सपर्ट की मानें तो इस बीमारी के लक्षण के साथ जन्म लेने वाले बच्चे ज्यादा से ज्यादा दो साल तक ही जिंदा रह पाते हैं. इसका अगर ठीक ढंग से इलाज हो जाए तो बच्चे को एक नया जीवन मिल सकता है. फिलहाल बच्चे का इलाज बेंगलुरु के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज में चल रहा है.

अयांश की मां नेहा सिंह ने बताया कि जब अयांश दो महीने का था उस समय इस बीमारी के बारे में पता चला. बताया कि अभी बच्चे के गर्दन का एक हिस्सा काम करना बंद कर चुका है. वे अपने बेटे के इलाज के लिए रुपये इकट्ठा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. पति-पति और परिवार के सदस्य पैसे इकट्ठा करने के लिए क्राउडफंडिंग का सहारा ले रहे हैं.

सीएम के जनता दरबार में जाने का नहीं मिला मौका

अयांश के पिता आलोक कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में बच्चे के साथ जाकर मदद मांगने के लिए आवेदन दिया, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से अयांश की मां नेहा सिंह ने संपर्क किया और बेटे की जिंदगी के लिए भीख मांगी लेकिन इसमें भी कोई खास मदद नहीं मिली है.

आलोक और नेहा सिंह की दो संतानें हैं. अयांश छोटा है और 6 साल की मानस्वी बड़ी है. मानस्वी पूरी तरह से स्वस्थ है. अयांश 29 सितंबर 2020 को जन्मा तो स्वस्थ था. दो माह बाद से ही उसको परेशानी होने लगी. अयांश का पहले पटना में इलाज कराया गया, फिर डॉक्टर ने उसे बेंगलुरु रेफर कर दिया.

पैसों के बारे में सोच कर परेशान हैं माता-पिता

बेंगलुरु में एक हॉस्पिटल में टाइपोरोनिया सीपी डिटेक्ट किया गया. डेढ़ माह तक बेंगलुरु में रहकर इलाज कराया, लेकिन इससे भी लाभ नहीं हुआ. इस दौरान 16 लाख से अधिक खर्च हो गया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. जब हालत बिगड़ने लगी तो बेंगलुरु के एनआईएमएचएएनएस में अयांश का इलाज कराया गया. डॉक्टरों को एसएएम बीमारी की आशंका हुई और जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई. अब एसएमए के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये के एक इंजेक्शन की कहां से व्यवस्था की जाए इस सोच से परिजन परेशान हैं.

इस तरह आप भी कर सकते हैं अयांश की मदद

अगर आप अयांश को बचाने में अपना सहयोग देना चाहते हैं तो उनके पिता ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में अयांश सिंह के नाम से खाता खुलवाया है. उसकी जिंदगी बचाने के लिए इस खाते पर मदद कर जो भी राशि चाहें वह भेज सकते हैं. नाम- Aayansh singh, खाता संख्या- 5121176175, IFSC-CBIN0282384, बैंक का नाम- Central Bank of India

input – abpnews

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.