apanabihar 6 20

बढ़ती मांग और विदेशी बाजारों में तेजी के कारण एक बार फिर से सरसों और सरसों तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है. देश के कई बड़े राज्यों में त्योहारी मांग के कारण सरसों तेल की खपत बढ़ रही है जबकि मंडियों में आवक काफी कम है. इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ रहा है. आने वाले समय में दाम में और इजाफा होने की संभावना है.

Also read: Special Train: बिहार से दिल्ली तक चलेगी स्पेशल ट्रेन, देखें पूरी लिस्ट

विदेशी बाजारों की बात करें तो मलेशिया एक्सचेंज में बुधवार की गिरावट के बराबर गुरुवार को सुधार आने से स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में सीपीओ और पामोलीन के भाव पूर्ववत रहे जबकि विदेशों में तेजी के बीच सरसों, सोयाबीन सहित विभिन्न खाद्य तेल तिलहनों के भाव लाभ के साथ बंद हुए.

Also read: Bihar New Elevated Road: बिहारवासियों के लिए खुशखबरी, 3300 करोड़ में बनेंगी 2 फोरलेन सड़कें

बाजार सूत्रों ने बताया कि शिकागो एक्सचेंज में एक प्रतिशत की तेजी रही और मलेशिया एक्सचेंज में 2.8 प्रतिशत की तेजी आई. उन्होंने कहा कि बुधवार मलेशिया एक्सचेंज में 2.8 प्रतिशत की गिरावट थी जबकि गुरुवार को यहां 2.8 प्रतिशत का सुधार आया. इसके कारण सीपीओ और पामोलीन तेलों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए.

Also read: बिहार के इस जिले में बन रहा 6 नेशनल हाईवे, यहां से जा सकते है देश के किसी भी कोने में

इन राज्यों में बढ़ रही है मांग

उन्होंने कहा कि विदेशी बाजारों में तेजी और देश की मंडियों में सरसों की कम आवक होने के साथ-साथ त्योहारी मांग के कारण सरसों तेल तिलहनों के भाव में पर्याप्त सुधार आया. सरसों की चौतरफा मांग है. त्योहार के लिए जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसी जगहों पर निरंतर त्योहारी मांग बढ़ रही है, जिससे सरसों में सुधार है.

Also read: Bihar Weather Today : बिहार में बिगड़ने वाला है मौसम, इन जिलों में बारिश की संभावना

किसानों और थेड़ा बहुत तेल मिलों के अलावा और किसी के पास सरसों नहीं है. उन्होंने कहा कि सरसों की अगली फसल आने में लगभग सात महीने हैं और आगामी त्योहारों के देखते हुए सहकारी संस्था, हाफेड को बाजार भाव पर अभी सरसों की खरीद कर स्टॉक बना लेना चाहिए जो दिवाली के समय काम आएगा.

सोयाबीन के उत्पादन में डेढ़ करोड़ टन की कमी होने की संभावना

उन्होंने कहा कि खाद्य नियामक, एफएसएसएआई ने जांच के लिए दलहन और सरसों तेल के नमूनों की उठान की है. उन्होंने कहा कि सरकार को तेल तिलहनों के उत्पादन को बढ़ाने की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे दूसरे देशों पर निर्भरता को खत्म की जा सके. भारत अपनी खाद्यतेल आवश्यकता के लगभग 70 प्रतिशत कमी को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर करता है. प्रमुख तेल कंपनी, एडीएम के सीईओ ने अनुमान जताया है कि विगत दो तीन सप्ताह के दौरान प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण वैश्विक स्तर पर सोयाबीन के उत्पादन में करीब डेढ़ करोड़ टन की कमी होने की संभावना है.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.