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किचेन के बजट में राहत नहीं मिल रही है। आयात कि लक में कमी के बाद दाल की कीमतों में नरमी आई है। वहीं, सरसों तेल की कीमत फिर बढ़नी शुरू हो गई है। दाल की कीमत में आठ से दस रुपये की कमी हुई है तो बीते दो-तीन दिनों में सरसों तेल के सभी ब्रांडों में आठ से दस रुपये लीटर की बढ़ोतरी हुई है। बिहार राज्य खुदरा विक्रेता संघ के महासचिव रमेश तलरेजा कहते हैं कि तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।

दूसरी तरफ आयात शुल्क घटाने की घोषणा से दाल की कीमतें बढ़ने की आशंका कम हुई है। व्यापारियों पर इसका मनोवैज्ञानिक असर पड़ा है। आशा है कि अब इसकी कीमतें बढ़ेंगी नहीं। बताते चलें कि कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों से दाल का आयात होता है।

बेउर स्थिति किराना दुकानदार मंट्‌ कुमार कहते हैं कि थोक मंडी में सरसों तेल की कीमत प्रति लीटर बुधवार को सात रुपये बढ़ी। इस सप्ताह में तेल की कीमतों में लगभग दस रुपये का इजाफा हो चुका है। डेढ़ सौ रुपये प्रतिलीटर पहुंच चुके ब्रांड का तेल अभी 60 रुपये प्रति लीटर है। 80 रुपये प्रतिलीटर वाले ब्रांड का तेल 195 रुपये और 190 रुपये प्रति लीटर तक बिकने वाला एक बार फिर दो सौ रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है।

दाल की कीमतों में बीते दिनों राहत मिली है। अरहर और उड़द की दाल की कीमतें कम हुई हैं। अरहर की कीमत 97 रुपये और उड़द की कीमत सौ रुपये प्रति किलो है। इसी तरह मसूर 85 रुपये प्रतिकिलो और मूंग दाल सौ रुपये प्रतिकितो राजघानी में बिक रही है।

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