apanabihar 17 4

बिहार के समस्तीपुर जिले में नागपंचमी पर एक ऐसा मेला लगता है, जिसे देखकर सामान्य लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएं। ये मेला है सांपों का। सांप भी इतने जहरीले कि इनके जहर की एक बूंद किसी की भी जान ले ले। स्थानीय लोगों का दावा है कि भगत तंत्र-मंत्र के जरिए विषैले से विषैले सांपों का जहर निकाल देते हैं। पूजा करने के बाद इन सांपों को फिर से जंगल में छोड़ दिया जाता है। बच्चे से लेकर बूढे तक के हाथों में होते हैं सांप… – समस्तीपुर से करीब 23 किलोमीटर दूर सिंधिया घाट पर नागपंचमी के दिन ये अनोखा मेला लगता है। क्या बच्चे, क्या बूढे, हर किसी के हाथों में, गले में सांप होते हैं।
– मेले में कोई सांप को कुछ खिलाते हुए दिख जाएगा और कोई सांपों के साथ खेलते हुए दिख जाएगा। कुछ देर बाद इन सांपों को दूध पिलाकर मन्नत मांगने के बाद छोड़ दिया जाता है।
– सिंधिया घाट का ये मेला तीन सौ सालों से ज्यादा वक्त से लगातार जारी है। नागपंचमी के दिन सांपों को पकड़ने की प्रथा कई पीढ़ियों से चली आ रही है।
– मान्यता है कि बरसों पहले ऋषि कुश का सांप बनाकर पूजा करते थे। लेकिन अब लोग असली सांप पकड़कर पूजा करते हैं।
– स्थानीय लोगों का दावा है कि बरसों से चले आ रहे इस मेले में आज तक किसी को भी सांप ने नहीं काटा।
– मृदंग बजाते हुए पुजारी भजन गाते हैं। लोग गले में और हाथों में सांपों को लेकर झूमते रहते हैं। 
– महीनों पहले सांपों के पकड़ने का जो सिलसिला शुरू होता है, वो नागपंचमी तक चलता है। सांपों को पकड़कर टोकरी में रखा जाता है।
– हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के बाद सांपों का करतब देखते हैं।

Also read: Train News: नई दिल्ली व पुणे के लिए इन शहरों से चलेंगी स्पेशल ट्रेन, देखें लिस्ट

Also read: रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, हावड़ा और मुजफ्फरपुर के लिए चलेगी Summer Special Train

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.