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राम मंदिर का मामला कोर्ट में पिछले 50 वर्षों से अटका हुआ था।

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की सरकार ने साल 2020 में सारा मामला सुलझा दिया है। कुछ समय पहले राम मंदिर का शिलान्यास हुआ था जो, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।

इसका प्रसारण लोगों को टीवी पर दिखाया गया था। लेकिन, अब बात और आगे बढ़ चुकी है और राम मंदिर के लिए लोग चंदा दे रहे हैं।

ऐसे में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा भी ₹5 लाख का चंदा दिया गया है। यह चंदा निधि समर्पण अभियान के तहत जमा किया जा रहा है।

बता दें कि राम मंदिर के चंदे की आड़ में कुछ लोगों ने गलत तरीके से पैसे जमा करना शुरू कर दिया है। इसी बीच एक मामला मुरादाबाद से आ रहा है जहां पर राम मंदिर निर्माण को लेकर कुछ कथित हिंदू संगठन लोगों से धोखाधड़ी करते पकड़े गए हैं।

राम मंदिर के निधि समर्पण मंत्री प्रभात गोयल ने चार लोगों पर शक जाहिर किया था और शक की बिनाम पर उनको पकड़ लिया गया है।

इनके खिलाफ अवैध रूप से चंदा जमा किया जा रहा था। असल हिंदू संगठनों द्वारा जागरूकता फैलाई जा रही है कि अपना चंदा सही हाथों में दे।

कई लोग राम मंदिर के नाम पर अवैध वसूली करते नजर आ रहे हैं उनके खिलाफ सबको मिलकर कदम उठाना होगा और शिकायत करनी होगी।

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