पूर्णिया से आये आफताब आलम ने बताया कि पुलिस महकमा के सीसीटीएनएस योजना में ऑपरेटर के तौर पर उनकी बहाली हुई थी, परंतु टीसीएस से एग्रीमेंट समाप्त करके अब बेल्ट्रॉन से बहाली हो रही है. इस वजह से उनके जैसे दर्जनों लोग बेरोजगार हो गये हैं. इस पर सीएम ने सीसीटीएनएस को देखने वाले एडीजी कमल किशोर सिंह को तुरंत बुलवाने का आदेश दिया. थोड़ी देर में एडीजी साहब हाजिर हुए. तब तक इस तरह की समस्या सुनाने वाले कई लोग आ गये, जिनमें रंजीत कुमार, मंटू कुमार समेत अन्य युवक शामिल थे. इन सभी को मामले का समाधान के लिए संबंधित एडीजी के पास भेज दिया गया.

आज तक सिर्फ कागज पर चल रहा उप स्वास्थ्य केंद्र

सुपौल जिले की राघोपुर पंचायत से आये एक व्यक्ति ने बताया कि आज तक उनके यहां सिर्फ कागज में ही उप स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. यहां 18 साल से एक ही प्रभारी तैनात हैं. अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी कागज पर ही तैनात हैं. उसने कहा कि मैं 2018 से इस मामले को लेकर कई स्थानों पर शिकायत कर चुका हूं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह कैसे संभव है, अब भी ऐसा है. अगर ऐसा है, तो यह मामला गंभीर है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को फोन लगाकर निर्देश दिया कि इस तरह के मामले की समुचित जांच करें और पूरी स्थिति की जानकारी दें. जो दोषी हैं, उन पर उचित कार्रवाई करें. खगड़िया से आयी बुजुर्ग महिला शांति बिंद ने फरियाद लगायी कि 15 मई को उसके गांव के कुछ दबंगों ने उसे खूब पीटा और जमीन पर कब्जा कर लिया.

अपने सिर के जख्मों को दिखाते हुए कहा कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, यह तो कमाल है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. तुरंत डीजीपी को बुलाया और कहा कि आप इन्हें तुरंत अपने साथ ले जाएं और दोषियों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दें.

मामले में कोताही नहीं होनी चाहिए. मधुबनी के लखनौर प्रखंड से आये अमित ने बताया कि उनके पड़ोस में चार अनाथ बच्चे रहते हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. वे जिला स्तर के सभी पदाधिकारियों को इसकी कई बार जानकारी दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस पर सीएम ने समाज कल्याण विभाग को तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया.

कंपनी नहीं लौटा रही पैसे

बड़ी संख्या में लोग इस बात की शिकायत लेकर भी पहुंचे हुए थे कि मैच्योरिटी के बाद भी सहारा इंडिया कंपनी उनके पैसे नहीं लौटा रही है. कंपनी फिर से फिक्स करने का दबाव लोगों पर डाल रही है. कुछ लोगों ने बताया कि वे डेढ़ साल से दौड़ रहे हैं.

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