इस साल के अंत तक गांवों की गलियां सोलर लाइट से जगमगाने लगेगी। पंचायत चुनाव समाप्त होते ही गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना को साकार किया जाएगा। इस योजना पर अमल करने के लिए एजेंसियों का चयन होने लगा है।
पहले चरण में सोलर लाइट उत्पादक कंपनियों का चयन किया गया है। अब उन एजेंसियों का चयन किया जा रहा है, जो गांवों में जाकर सोलर स्ट्रीट लगाएंगी। एजेंसियों का चयन ब्रेडा (बिहार रिन्यूअबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) के माध्यम से हो रहा है। सोलर लाइट लगाने के लिए एजेंसियों का चयन दो स्तर पर हो रहा है। पहली एजेंसी वह होगी जो सोलर स्ट्रीट लाइट से संबंधित उपकरणों का निर्माण करती है।
मसलन, सोलर प्लेट बनाने से लेकर बैट्री बनाने सहित इससे संबंधित अन्य उपकरण बनाने वाली कंपनियों का चयन किया गया है। दूसरी एजेंसी वह होगी, जो गांवों में जाकर केवल सोलर लाइट लगाएगी। अर्थात, ये बनाने वाली कंपनियों से खरीदारी कर गांवों में केवल सोलर लाइट लगाएंगे। दोनों तरह की एजेंसियों की संख्या 100-100 से अधिक होगी। चयनित एजेंसियों को छोटे जिले में एक तो बड़े जिले में दो-तीन को जिम्मेवारी दी जाएगी। दो एजेंसियों के चयन के पीछे ब्रेडा का उद्देश्य है कि अगर कोई एक एजेंसी ब्लैक लिस्टेड हो भी जाए तो गांवों में सोलर लाइट में आई खराबी को दूर करने में कोई परेशानी न हो।
अभी तक गांवों में 12 वाट के बल्ब लगाने की योजना पर काम हो रहा है। ब्रेडा के निदेशक आलोक कुमार ने कहा कि सोलर लाइट लगाने की योजना में ब्रेडा तकनीकी सहयोग कर रहा है। इसके लिए नियमानुसार एजेंसियों का चयन हो रहा है।