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जो लोग गांव में रहकर भी खेती-किसानी नहीं करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए सरकार शानदार स्कीम चला रही है. आपको गांव में रहकर ही कमाई करने का मौका सरकार दे रही है. अगर आप कृषि क्षेत्र में कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक योजना शुरू की है.

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केंद्र सरकार की ओर से सॉइल हेल्थ कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme) के नाम से एक स्कीम चलाई जा रही है. इसके जरिए पंचायत स्तर पर मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित करनी होता है. इस लैब में आसपास के खेतों को मिट्टी की जांच की जाती है. इसके जरिए बढ़िया कमाई की जा सकती है. देश में इस तरह के फिलहाल बेहद ही कम लैब मौजूद है. इसलिए इस क्षेत्र में रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं.

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क्या होता है इस लैब में?

इस लैब में खेत की मिट्टी जांच करवाकर यह पता किया जाता है कि मिट्टी में कौन सा पोषक तत्व मौजूद है. इसके आधार पर ही किसानों को उस खेत के लिए बेहतरीन फसल बोने की सलाह दी जाती है. मिट्टी का नमूना लेने, जांच करने एवं सॉइल हेल्थ कार्ड प्रदान कराने के लिए सरकार की ओर से 300 प्रति नमूना का रेट तय किया गया है.

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कौन खोल सकता है ये लैब?

केंद्र सरकार की इस स्कीम के जरिए 18 से 40 साल की उम्र वाले युवा गांव में इस लैब को खोल सकते हैं. खोलने वाले को एग्री क्लिनिक, कृषि उद्यमी प्रशिक्षण के साथ द्वितीय श्रेणी से विज्ञान विषय के साथ मैट्रिक पास होना जरूरी है. तभी वो इस स्कीम का लाभ उठाने के योग्य माने जाएंगे.

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कितना खर्च

किसी भी लैब को स्थापित करने के लिए लगभग 5 लाख रुपये तक का खर्च आता है. मगर सरकार सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत लैब लगाने वाले को 75 फीसदी रकम दे रही है. अगर आप लैब स्थापित करना चाहते हैं तो सरकार की ओर से आपको 3.75 लाख रुपये मिलेंगे. इसके बाद आपको सिर्फ एक लाख 25 हजार रुपये ही खर्च करने होंगे.

यहां कर सकते हैं संपर्क

अगर कोई गांव में लैब खोलना चाहता है तो वो जिले के कृषि उपनिदेशक, संयुक्त निदेशक या उनके कार्यालय में अपना प्रस्ताव दे सकता है. साथ ही agricoop.nic.in वेबसाइट और soilhealth.dac.gov.in पर भी इसके लिए संपर्क किया जा सकता है. किसान कॉल सेंटर (1800-180-1551) पर भी संपर्क कर अधिक जानकारी ली जा सकती है.

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