राशन कार्ड कितना जरूरी है, ये तो हर कोई समझता है। इससे ना सिर्फ उचित दाम पर राशन मिलता है, बल्कि कई जगह ये एड्रेस या आइडेंटिटी प्रूफ की तरह भी काम (Uses of Ration Card) करता है। कोरोना काल में तो राशन कार्ड की वजह से ही गरीबों की रोजी-रोटी बची है, क्योंकि सरकार ने गरीबों को उनके राशन कार्ड पर सस्ता राशन मुहैया कराया। बहुत सारा राशन तो मुफ्त में भी मुहैया कराए। सवाल ये है कि आखिर राशन कार्ड कितने तरह के होते हैं? उन पर कितना राशन (How much food grain on ration card) मिलता है और क्या होता है दाम (Food grain price on ration card)?
आम तौर पर राशन कार्ड तीन तरह के होते हैं, लेकिन अलग-अलग राज्यों में इनकी संख्या अधिक भी हो सकती है।
1- गरीबी रेखा से ऊपर का यानी एपीएल राशन कार्ड
2- गरीबी रेखा से नीचे का यानी बीपीएल राशन कार्ड
3- अंत्योदय राशन कार्ड
इन राशन कार्ड पर अलग-अलग मात्रा में और अलग-अलग दाम पर राशन मिलता है। इनके अलावा भी राज्य कुछ अतिरिक्त कार्ड जारी कर सकते हैं। जैसे दिल्ली में टेंपरेरी राशन कार्ड है, जो कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए शुरू किया गया है।
1- गरीबी रेखा से ऊपर का यानी एपीएल राशन कार्ड
गरीबी रेखा से ऊपर का यानी एपीएल राशन कार्ड उन परिवारों को दिया जाता है, जिनकी सालाना आय एक तय गरीबी रेखी से अधिक होती है। दिल्ली में यह करीब 1 लाख रुपये है। यानी 1 लाख रुपये से ऊपर की आय वालों को यह कार्ड मिलेगा। फिलहाल इसे पीआर कार्ड कहा जाता है। इस कार्ड पर अलग-अलग राज्य सरकारें अलग-अलग दाम पर राशन देती हैं और साथ ही उनकी मात्री भी अलग-अलग हो सकती है। जैसे दिल्ली में इस कार्ड पर प्रति व्यक्ति 4 किलो गेहूं 2 रुपये की दर से और 1 किलो चावर 3 रुपये की दर से दिया जाता है। वहीं उत्तराखंड में एक एपीएल कार्ड पर हर महीने 8.60 रुपये की दर से 5 किलो गेहूं और 11 रुपये की दर से 2.5 किलो चावल दिया जाता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कार्ड पर एक सदस्य है या 10 हैं।
2- गरीबी रेखा से नीचे का यानी बीपीएल राशन कार्ड
गरीबी रेखा से नीचे जीवन बिताने वाले लोगों को बीपीएल राशन कार्ड दिया जाता है। अधिकतर राज्यों में इसे प्राइओरिटी हाउसहोल्ड राशन कार्ड में बदल दिया गया है। पहले बीपीएल राशन कार्ड पर प्रति कार्ड के हिसाब से राशन दिया जाता था, लेकिन अब प्रति सदस्य के हिसाब से राशन दिया जाता है। अभी इस कार्ड को दिल्ली में पीआरएस कार्ड कहते हैं। दिल्ली के सिटीजन चार्टर 2017 के अनुसार इस कार्ड पर 2 रुपये के भाव से 4 किलो गेहूं और 3 रुपये के भाव से 1 किलो चावल प्रति सदस्य दिया जाता है। यानी एक सदस्य को 5 किलो राशन, वो भी सस्ते दाम पर। कार्ड पर जितने अधिक सदस्य होंगे, राशन उतना ही बढ़ा जाएगा। जैसे अगर किसी राशन कार्ड पर 5 सदस्य हैं तो उसे कुल 25 किलो राशन मिलेगा, जिसमें 20 किलो गेंहू और 5 किलो चावल होगा।
3- अंत्योदय राशन कार्ड
अंत्योदय स्कीम की शुरुआत भारत सरकार की तरफ से हुई है, जिसे हर राज्य में लागू किया गया है। दिल्ली में भी इस स्कीम के तहत राशन कार्ड बनते हैं। अंत्योदय राशन कार्ड ऐसे लोगों के लिए बनाया जाता है, जो आर्थिक रूप से बहुत अधिक कमजोर हैं और बहुत ही कम पैसे कमा पाते हैं। जैसे विकलांग, बेहद कम कमाई वाले अति वरिष्ठ लोग, अकेले बुजुर्ग या अकेली विधवा आदि। दिल्ली के सिटीजन चार्टर 2017 इस कार्ड पर 2 रुपये प्रति किलो के भाव से 25 किलो गेंहूं और 3 रुपये के भाव से 10 किलो चावल हर महीने मुहैया कराया जाता है। इसके अलावा इस पर 13.5 रुपये में 1 किलो चीनी भी मिलती है।