बालू की ट्राली कैसे है? 15 हजार। कंकड़बाग में निर्माण सामग्री विक्रेता का जवाब सुनकर अशोक नगर के प्रेम कुमार पसीने-पसीने हो गए। बोले-20 दिन पहले रेट 8000 रुपये था, दस दिन पहले 10,000 हजार हुआ, अब सीधे पंद्रह हजार रुपये। लगता है मकान का काम बंद करना होगा। विक्रेता ने कहा-ठीक सोच रहे हैं। बंद करा दीजिए। बालू का कोई रेट नहीं रह गया है। यह मिल ही नहीं रहा है। फिलवक्त पूरा निर्माण क्षेत्र बालू की किल्लत से जूझ रहा है। छिटपुट को छोड़ दें तो अधिकांश निर्माण कार्य ठप हो गए हैं।
घटे खरीदार
भवन निर्माण सामग्री विक्रेता सकलदेव यादव ने कहा कि बालू नहीं मिल रहा है। सरिया में हाल के दिनों में दो रुपये प्रति किलो की राहत है मगर मार्च की तुलना में यह 18 रुपये प्रति किलो महंगा है। सबकुछ महंगा हो चुका है। खरीदार भी 70 फीसद कम हो गए हैं। सीधे कहें तो निर्माण कार्य ठप हो चुका है और मजदूर भी बेरोजगार हो गए हैं।
इन वजहों से बढ़े दाम
निर्माण कार्यों को लाकडाउन में छूट भी मिली। हालांकि, बिल्डरों का कहना है कि यह कागज पर ही रही क्योंकि कामगारों की आवाजाही पर रोक लगी रही। इससे काम बंद रहा।
– निर्माण पर लगा ब्रेक
– लाल बालू महज चार माह में दोगुने से ज्यादा महंगा, किल्लत भी जबरदस्त
– घर बनाने वाले हटे पीछे, अधिकांश निर्माण कार्य ठप, मजदूर बेरोजगार
टेबल
-लाल बालू – 120 फीट- 12 से 15 हजार रु (मार्च की कीमत 6000 रुपये)
-गिट्टी-100 फीट- 8500 रुपये (मार्च की कीमत 6500 रुपये)
-ईंट- 16,000 रुपये प्रति 1500 पीस (मार्च की कीमत 15000 रुपये)
-सीमेंट – 420 रुपये प्रति बैग (मार्च की कीमत 360 रुपये)
-सरिया- प्रति किलो-60 रुपये (मार्च की कीमत 42 रुपये किलो)