विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी पर सवाल उठाने वालों में सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के पूर्व कप्तान और कमेंटेटर दीप दासगुप्ता (Deep Dasgupta) का नाम भी शामिल हो गया है। यही नहीं, उन्होंने रोहित शर्मा को कैप्टेंसी का दावेदार भी बताया है। बता दें कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों भारतीय टीम की हार के बाद विराट कोहली की कप्तानी को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

विराट कोहली की अगुआई में टीम इंडिया ने (Indian Cricket Team) 2017 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (ICC Champions Trophy), 2019 में आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप (ICC ODI World Cup) और 2021 में आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (ICC World Test Championship) अपने नाम करने का मौका गंवाया है। दीप दासगुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल पर सवाल-जवाब सेशन (Q & A Session) के दौरान कहा कि टी20 वर्ल्ड कप को देखते हुए टीम की कप्तानी में कुछ बदलाव हो सकते हैं।

बता दें कि दीप दासगुप्ता की अगुआई में सौरव गांगुली बंगाल रणजी ट्रॉफी का हिस्सा रह चुके हैं। दीप दासगुप्ता की कप्तानी में बंगाल ने 2006-07 में रणजी ट्रॉफी का फाइनल भी खेला था। दीप दासगुप्ता से यूट्यूब चैनल पर एक फैन ने सवाल पूछा था कि क्या रोहित शर्मा को सीमित ओवर फॉर्मेट की कप्तानी देने का यह सही समय है? दीप दासगुप्ता ने कहा, ‘मैं यह तो नहीं कहूंगा कि यह सही समय है, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगा कि रोहित निश्चित रूप से एक विकल्प हैं। मेरा मानना है कि यह बहुत कुछ टी20 वर्ल्ड कप पर निर्भर है। आज की बात करें तो इस समय कप्तानी में बदलाव करना बहुत मुश्किल है। अभी आपके सामने सिर्फ 3-4 महीने ही बचे हैं। आप कैप्टेंसी चेंज करेंगे? कैप्टेंसी चेंज करने का मतलब है कि टीम को नए कप्तान और उसकी स्टाइल के साथ जुड़ना। नए कप्तान पर भी यही कंडीशंस लागू होती हैं।’

उन्होंने कहा, ‘यह सही है कि रोहित सीमित ओवर फॉर्मेट में टीम इंडिया की अगुआई कर चुके हैं, लेकिन फुल-टाइम और पार्ट-टाइम कप्तान में बहुत अंतर होता है। स्टैंड-इन कप्तान के रूप में आप ज्यादा बदलाव नहीं करते हैं। लेकिन जब आप फुल-टाइम कप्तान बनते हैं तो निश्चित रूप से वैसा बदलाव चाहते हैं, जैसा आप टीम को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं।’

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.