बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा का असर दिखने लगा। बुधवार को चार नदियां लाल निशान के पार हो गईं। कोसी और गंडक उतरने के बाद फिर से चढ़ने लगी है। हालांकि गंडक नदी अब भी डुमरियाघाट में मात्र दो सेमी लाल निशान से नीचे है। इसके अलावा कोसी, बागमती, लालबकेया और बूढ़ी गंडक नदियां भी राज्य के क्षेत्र में कई जगहों पर लाल निशान से ऊपर बहने लगी है। अच्छी बात है कि गंगा और पुनपनु का जलस्तर नीचे जा रहा है।

नेपाल से निकलने वाली नदियों के डिस्चार्ज में भी बुधवार को वृद्धि हुई है। कोसी का डिस्चार्ज बुधवार को बढ़कर बराह क्षेत्र में 63 और बराज पर 96 हजार घनसेक हो गया। बाल्मीकिनगर बराज पर गंडक का डिस्चार्ज एक बार फिर एक लाख पार कर गया। वहां डिस्चार्ज 1.19 लाख घनसेक हो गया है।

बागमती नदी भी बुधवार को लाल निशान के ऊपर बहने लगी है। यह नदी सीतामढ़ी के ढेंग में बुधवार को डेढ़ मीटर चढ़कर लाल निशान से 35 सेमी ऊपर चली गई। इसी तरह सोखान में भी 85 सेमी ऊपर बहने लगी है। बूढ़ी गंडक रोसड़ा रेल पुल पर अब भी लाल निशान के ऊपर है। वहां यह नदी नौ सेमी घटने के बाद भी 31 सेमी ऊपर है। पूर्वी चम्पारण में लालबकेया नदी इस साल पहली बार खतरे के निशान को पार कर गई।

वहां इस नदी के जलस्तर में बुधवार को ढाई मीटर की अचानक वृद्धि हुई और नदी का जलस्तर लाल निशान से 55 सेमी ऊपर चला गया। कोसी नदी नेपाल के वीरपुर में तो सीमा से थोड़ी ही ऊपर आई है लेकिन बिहार के सहरसा के बलुआहा घाट पर लाल निशान से 15 सेमी ऊपर बह रही है। गंगा बिहार में बक्सर से भागलपुर तक लाल निशान से नीचे बह रही है। इसके जलस्तर में रोज गिरावट आ रही है। सोन भी इंन्द्रपुरी में अभी लाल निशान से मात्र छह सेमी लेकिन कोइलवर में काफी नीचे है। पुनपुन 62 सेमी नीचे उतरकर लाल निशान से लगभग सवा मीटर नीचे बह रही है। दूसरी नदियां भी अपनी सीमा में हैं। 

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