blank 15 28

कम लागत और अधिक मुनाफा किसानों को औषधीय पौधों की खेती की तरफ आकर्षित कर रहा है. आज के समय में बड़ी मात्रा में किसान औषधीय पौधों की खेती करने लगे हैं. किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है. औषधीय पौधों की खेती किसानों के लिए लाभ का बड़ा जरिया बन गई है क्योंकि मांग के मुताबिक, उत्पादन नहीं होने से उन्हें अच्छा दाम मिल रहा है.

Also read: Gold Silver Price Today: सोने के भाव में गिरावट, चांदी की बढ़ी कीमत

इसी तरह का एक औषधीय पौधा है अंजीर. आज भारत में कई राज्यों के किसान इसकी खेती कर रहे हैं. डीडी किसान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंजीर में 83 प्रतिशत चीनी होता है. इसी वजह से इसे दुनिया का सबसे मीठा फल माना जाता है. लागत कम होने और देखभाल की विशेष जरूरत नहीं होने के कारण अंजीर की खेती में सहुलियत है. वहीं इससे आय भी अच्छा हो जाता है. डीडी किसान कि रिपोर्ट के अनुसार किसान भाई अंजीर के पूरी तरह तैयार एक पौधे से एक बार में 12000 रुपए की कमाई कर सकते हैं.

Also read: ट्रेन में मिलेगी कंफर्म सिट, बिहार से दिल्ली के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन

गर्मी के मौसम में होती है अंजीर की खेती

अंजीर के पौधे को विकास करने के लिए गर्मी की जरूरत होती है. इसे किसी भी तरह की मिट्टी में लगाया जा सकता है. इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. इसकी खेती के लिए सामान्य बारिश की जरूरत होती है. अंजीर की खेती के लिए पुरानी फसलों के अवशेषों को पूरी तरह साफ करना जरूरी होता है. उसके बाद मिट्टी को भुरभुरा बनाया जाता है और फिर पाटा चलाकर मिट्टी को समतल कर दिया है ताकि जलभराव जैसी समस्या न रहे.

Also read: जारी हुआ पेट्रोल-डीजल का भाव, जाने आपके शहर में क्या है कीमत

खेत को समतल बनाने के बाद उसमें पाच मीटर की दूरी बनाते हुए पंक्तियों में गड्ढे तैयार किए जाते हैं. गड्ढों को दो फीट चौड़ा और 1.5 फीट गहरा खोदा जाता है. गड्ढों के तैयार होने के बाद उनमें उचित मात्रा में जैविक और रासायनिक उर्वरक को मिट्टी में मिलाते हैं. इसके बाद अच्छे से सिंचाई कर दिया जाता है. जल निकासी के अच्छे इंतजाम वाले खेत में ही अंजीर की खेती करने की सलाह दी जाती है.

Also read: कोलकाता से जयनगर के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन, जाने कहां कहां रुकेगी ट्रेन

अधिक उत्पादन के लिए इसकी खेती हल्की दोमट मिट्टी में करना सबसे सही माना जाता है. सर्दी का मौसम अंजीर के पौधों के लिए अनुकूल नहीं होता. इसके पौधे गर्मी के मौसम में अच्छी तरह विकास करते हैं और इसके फल भी गर्मियों के मौसम में पक कर तैयार होते हैं.

दो साल पैदावार देना शुरू कर देते हैं पौधे

ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए अंजीर की उन्नत किस्मों का चुनाव जरूरी है. भारत में अंजीर की खेती कई राज्यों में की जा रही है. क्षेत्र और वहां के जलवायु के हिसाब से इसके किस्मों का किसान चयन करते हैं. दिनकर अंजीर की किस्म को महाराष्ट्र में अधिक उगाया जाता है. इंडियन रॉक, ब्राउन टर्की, कृष्णा, एलीफेंट ईयर ब्रन्सविक, ओसबॉर्न, वींपिंग फिग और सफेद फिग जैसी कई कई किस्मों को भी किसान उगाते हैं. भारत में कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में इसकी खेती होती है.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.