उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में भाजपा के हाथों करारी हार झेलने के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने 11 जिलाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया है. इन सभी जिलों में भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है. बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव इन सभी 11 जिलाध्यक्षों से नाराज थे.
उनका कहना है कि त्रिस्तरीय पंचाय चुनाव में सपा के अधिक जिला पंचायत सदस्य जीते थे, इसके बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी को हार कैसे मिली. इस बात से नाराज अखिलेश यादव ने गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर के जिलाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) निर्विरोध जिन जिलों में निर्विरोध जीती है वहां सपा को प्रस्तावक तक नहीं मिले. इस वजह से सपा प्रत्याशी नामांकन ही दाखिल नहीं कर सके. हालांकि, समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सत्तासीन भाजपा ने प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर उसके प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल नहीं करने दिया. वहीं कुछ जिलों में उम्मीदवारों के नामांकन रद्द भी हुए.
सपा के पद मुक्त किए गए सभी 11 जिलाध्यक्ष
- गोंडा- आनंद स्वरूप उर्फ पप्पू यादव
- ललितपुर- तिलक यादव
- भदोही- विकास यादव
- बलरामपुर- रामनिवास मौर्या
- गौतमबुद्ध नगर- वीर सिंह यादव
- झांसी- महेश कश्यप
- मऊ- धर्म प्रकाश यादव
- आगरा- रामगोपाल बघेल
- मुरादाबाद- जय वीर सिंह
- गोरखपुर- नगीना प्रसाद साहनी
- श्रावस्ती- सर्वजीत यादव