बिहार में मानसून की सक्रियता में कमी के बावजूद स्थानीय प्रभावों से अलग-अलग इलाकों में गरज के साथ बारिश और वज्रपात की स्थिति बनी हुई है। वातावरण में काफी नमी है और पिछले दिनों तापमान में हुई बढ़ोतरी की वजह से जगह-जगह गरज वाले बादल बने हैं। पिछले 24 घंटे में मौसम में बदलाव की वजह से पटना सहित कई जिलों में अधिकतम तापमान तीन डिग्री तक गिरा है।

मौसम विभाग केंद्र के अनुसार झारखंड के आसपास बने चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति को देखते हुए सूबे में अगले दो से तीन दिन वज्रपात और बारिश की स्थिति बनी रहेगी। हालांकि यह बारिश एक साथ सभी इलाकों में इसलिए नहीं होगी क्योंकि स्थानीय प्रभाव से बने बादलों को किसी मजबूत मौसमी सिस्टम का साथ नहीं मिल रहा है। सूबे में स्थानीय प्रभावों से टुकड़ों में बादल बन रहे हैं जो नमी और तापमान को पाकर वज्रपात की वजह बन रहे हैं। यही वजह है कि विभिन्न जगहों पर शहर के एक हिस्से में बारिश हो रही जबकि दूसरे हिस्से में जमीन सूखी रह जा रही है।

पटना में भी शुक्रवार को दिनभर यही स्थिति रही। शहर के एक हिस्से में बारिश होती रही तो दूसरे हिस्से में काफी देर तक बारिश का अता-पता नहीं था। पटना में अलग-अलग समय में हुई बारिश के आंकड़ों को जोड़ें तो सुबह साढ़े आठ बजे से शाम पांच बजे के बीच 19 मिमी बारिश दर्ज की गई। दिनभर बादल छाये रहे, इस वजह से राजधानी के अधिकतम तापमान में तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

उत्तर पूर्व बिहार के लिए ऑरेंज अलर्ट
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पिछले 24 घंटे में उत्तर बिहार की अपेक्षा दक्षिण बिहार में बारिश की तीव्रता थोड़ी अधिक रही। अगले 24 घंटे में उत्तर पूर्व बिहार पर इसका ज्यादा असर देखा जाएगा। सुपौल, अररिया, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा और किशनगंज में अगले दो दिनों में यानि 26 और 27 को कई जगहों पर वज्रपात व बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। शुक्रवार को उत्तर पश्चिम बिहार के पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीवान, गोपालगंज और सारण में एक दो जगहों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया।

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