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भारतीय टीम ने 38 साल पहले कपिल देव की कप्तानी में 1983 विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास रचा था. उस टीम का हिस्सा रहे खिलाड़ी यहां गुड़गाव में इस जीत के 38 वर्ष होने के अवसर पर इस अभियान से जुड़ी एक किताब के विमोचन के लिए इक्टठा हुए.

भारत बना था वर्ल्ड चैंपियन

भारतीय टीम ने फाइनल में क्लाइव लॉयड के नेतृत्व वाली वेस्टइंडीज की टीम को हराया था जो अपना लगातार तीसरा विश्व कप जीतने के मकसद से उतरी थी. वेस्टइंडीज ने 1975 और 1979 का खिताब जीता था.

फाइनल मुकाबले में भारत ने 60 ओवर में 183 रन बनाए थे. एक समय भारत को श्रीकांत (38) और मोहिंदर अमरनाथ (26) ने अच्छी स्थिति पर ला दिया था लेकिन इनके आउट होते ही भारतीय पारी बिखर गई.

भारत के एक समय छह विकेट पर 111 रने थे और उस वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रन भी नहीं बना पाएगा. लेकिन निचले क्रम में मदन लाल, सैयद किरमानी और बलविंदर सिंधू ने कुछ स्कोर कर भारत को लड़ने लायक स्थिति तक पहुंचाया.

हालांकि, भारत के ऑलराउंडर्स ने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई. अमरनाथ और मदन लाल ने तीन-तीन विकेट लिए जबकि रोजर बिनी को एक विकेट मिला था.

वेस्टइंडीज की टीम एक समय एक विकेट पर 50 रन के स्कोर पर थी लेकिन मदन लाल ने विवियन रिचर्ड सहित कुछ अन्य खिलाड़ियों को आउट कर भारत की मैच में वापसी कराई.

वेस्टइंडीज की टीम 140 रन पर सिमट गई और भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया.

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