कार से लेकर मोटरसाइकिल तक सबमें गियर्स होते हैं. उनको लगाने और बदलने का अपना अलग अहसास होता है. हालांकि, आज कल कई गाड़ियों में ऑटोमेटिक गियर्स आने लगे हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कार के अलावा ट्रेन में भी गियर्स होते हैं क्या? अगर होते हैं, तो कितने होते हैं? आज के Knowledge पैकेज में हम आपको इसके बारे में जानकारी देंगे. 

ट्रेन में लगे गियर्स को क्या कहते हैं?
आम गाड़ियों को तरह ट्रेन में भी गियर्स होते हैं. यह भी स्पीड के हिसाब से बदले जाते हैं. लेकिन इसे टेक्निकल टर्म गियर नहीं कहते हैं, बल्कि नॉच कहा जाता है. डीजल इंजन और इलेक्ट्रॉनिक इंजन में अलग-अलग नॉच होते हैं. जो स्पीड पर निर्भर करते हैं. हालांकि, स्पीड काफी हद तक ट्रेन की रूट पर भी निर्भर करती है, जिसे सेक्शन कहा जाता है. 

ट्रेन में कितने गियर्स होते हैं?  
मीडिया रिपोर्ट्स में डीजल इंजन का जिक्र मिलता है. बताया जाता है कि डीजल इंजन में 8 नॉच होते हैं. वहीं, कुछ जगह इसकी संख्या अलग-अलग भी मिलती है, जो इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन की बनवाट के ऊपर निभर करती है. ठीक जैसे-जैसे अलग-अलग गाड़ियों में अलग-अलग गियर्स होते हैं. 

कैसे काम करता है नॉच 
नॉच को एक बार फिक्स कर दिया जाता है, तो उसे बार-बार बदलने की जरूरत नहीं पड़ती है. जब गति को कम करने की जरूरत पड़ती है, तो नॉच को डाउन कर दिया जाता है. वहीं, अगर टॉप गियर की बात करें, तो यह हर ट्रेन के लिए अलग-अलग है. जैसे डीजल इंजन 100 की स्पीड तक चली, तो उसमें 8 नॉच लग जाता है. हालांकि, इस वक्त देश में इससे भी अधिक स्पीड की ट्रेन कार्यरत हैं. 

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