2005 में नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता संभाली थी, तब से लड़कियों/महिलाओं के लिए कई बड़े और अहम फैसले लिए। इसकी शुरुआत साइकिल योजना से हुई थी जो अब नेतागीरी तक पहुंच चुकी है। 5 ऐसे क्षेत्रों की बात करेंगे, जिसमें नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए बेहतरीन मौके मुहैया कराए हैं
1. जेडीयू पार्टी में 33 फीसदी महिला आरक्षण
जनता दल यूनाइटेड ने अपनी नई प्रदेश कमेटी का एलान किया। नीतीश कुमार के अभियान को आगे बढ़ाते हुए पार्टी ने संगठन में महिलाओं को 33 फीसदी हिस्सेदारी दी है। नई कमेटी में 29 उपाध्यक्ष, 60 महासचिव, 114 सचिव, एक कोषाध्यक्ष और 7 प्रवक्ता शामिल हैं।
2. महिला अधिकारियों की पोस्टिंग में 33% रिजर्वेशन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में महिला सशक्तीकरण के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। अब उन्होंने पोस्टिंग में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है। इसके तहत एसडीओ, बीडीओ, सीओ थानाध्यक्ष की पोस्टिंग में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
- खेल विश्वविद्यालय में बेटियों के लिए 33% सीटें रिजर्व
बेटियों को स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में 33 प्रतिशत रिजर्वेशन मिलेगा। विश्वविद्यालय की 33 प्रतिशत सीट बिहार की बेटियों के लिए सुरक्षित होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम बनाया जा रहा है। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी होने से खेलों को बढ़ावा मिलेगा।
4. बेटियों के लिए इंजीनियरिंग-मेडिकल में 33 फीसदी आरक्षण
बिहार के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में लड़कियों के लिए न्यूनतम एक तिहाई सीटें 33 प्रतिशत आरक्षित कर दी गई है। बिहार में 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इसमें कुल 9275 सीटें हैं। वहीं, 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 1125 सीटें हैं।
5. बिहार की सामान्य नौकरी में 35 प्रतिशत रिजर्वेशन
राज्य सरकार ने नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दे रखा है। सरकार की कोशिश है कि आरक्षण की वजह से ज्यादा लड़कियां उच्च शिक्षा हासिल करेंगी। इसकी वजह से प्रशासन में सुधार के साथ-साथ सामाजिक स्तर में विकास होने की उम्मीद है।