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बिहार के दरभंगा और सुपौल में तालाब के ऊपर तैरता हुआ बिजली घर बनाया जा रहा है. दोनों ही शहरों पर बने रहे बिजली घरों को ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ के तहत बनाया जा रहा है. साल के अंत तक दोनों बिजली घरों का कार्य पूरा होने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परियोजनाओं पर कार्य करने के निर्देश दे दिए है. दोनों ही बिजली घरों को फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के तहत बनाया जा रहा है. जिनसे दो मेगावाट से अधिक सोलर बिजली का उत्पादन होगा.

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बिहार में पहली बार एक मेगावाट से अधिक का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनाया जा रहा है. ए. इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी इस परियोजना पर कार्य कर रही है. बिहार सरकार एग्रीमेंट के द्वारा कंपनी से 25 सालों तक 4.15 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदेगी. दरभंगा बिजली घर की क्षमता 1.6 मेगावाट की होगी. तालाब के ऊपर बन रहे प्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बिजली घर ग्रिड से कनेक्टेड होगा. यहां से उत्पादित बिजली ग्रिड से होते हुए सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी.

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एक मेगावाट बिजली के लिए चार से पांच एकड़ जमीन लगती है. जबकि बिजली कंपनी कार्यालय में 10 एकड़ से अधिक का तालाब है, इसलिए यहां 1.6 मेगावाट बिजली परियोजना पर काम हो रहा है. सुपौल में बन रहा बिजली घर भी फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट सिस्टम पर आधारित होगा. इस बिजली घर की क्षमता 0.525 मेगावाट है. गेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड नामक एंजेसी इस परियोजना पर काम कर रही है जिसमें तीन करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है.

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