आज के समय में ऐसे भी किसान है जो बेकार पड़े चीजों को भी अपने फसलो के लिए उर्वरक के रूप में इस्तेमाल करते हैं तथा अपने इलाके के कचरे का खाद बना कर 10 एकड़ में खेती करने का काम करते हैं।
कौन है वह बहादुर किसान?
हम बात कर रहे हैं, केरल (Kerala) के मलप्पुरम के पुलीकल पंचायत के किसान ‘पीएम इलियास’ (PM iliyas) की, जिनकी उम्र 48 साल है। उन्हें बचपन से ही प्राकृतिक से विशेष लगाव रहा है तथा उन्होंने 15 साल से खेती में दिलचस्पी रखा है। वह फल तथा सब्जियों के लिए मशहूर किसान हैं।
केरल के सर्वश्रेष्ठ किसान का भी मिल चुका पुरस्कार
वे अपने घर के चारों तरफ लगभग 10 एकड़ जमीन में खेती करते हैं तथा अपने खेतों में लगभग 50 किस्मों के फलदार पेड़ रखें हुए हैं। इस सबके साथ ही साथ उनको मवेशीपालन में भी विशेष रूचि है। वे गाय, भैंस तथा बकरीयों के गोबर से भी खाद बनाने का काम करते हैं। उन्हें केरल के सर्वश्रेष्ठ किसान का भी पुरस्कार मिल चुका है।
10 एकड़ में हरियाली कि समुचित व्यवस्था
इलियास 10 एकड़ जमीन में खेती करने का काम करते हैं। वे 10 एकड़ जमीन में से 4 एकड़ जमीन में विशेष रुप से फलों का ही खेती करते हैं, जिसमे लीची, सपोट्टा, मैंगोस्टीन, पपीता, कटहल, नोनी, अमरूद जैसे फल शामिल हैं तथा 2 एकड़ जमीन में सब्जियों का खेती करते हैं तथा बाकी बचे जमीन में अलग-अलग तरह के जंगली पौधे लगाए हुए हैं जिससे उनके खेतों की हरियाली बनी रहती है। खेती के साथ-साथ इलियास डेयरी फ़ार्मिंग का भी काम करते हैं और इसके अलावा वे जल संरक्षण का भी व्यवस्था रखे हुए हैं। इन सभी तरह की खेती तथा फॉर्मिंग के अलावे वे 10 एकड़ के जमीनों के बीच खाली स्थानों में जल संचयन के लिए पांच तालाब खुदवाए हुए हैं।
सबसे खास बात यह है कि वह आसपास के किसानों से बायोडिग्रेडेबल और गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को इकट्ठा करते हैं ताकि उनके क्षेत्र में कचरे का प्रबंधन प्रभावी ढंग से हो सके। इससे उन्हें विशेष फायदा भी है। वे इन कचरे से खाद बनाने का काम करते हैं, जिसका वे अपने खेतों में इस्तेमाल करते हैं। इलियास, बायोगैस संयंत्र और वर्मी कम्पोस्टिंग (केंचुआ खाद) की मदद से खेत में ही उर्वरक बनाते हैं। 10 एकड़ के बीच 5 तालाब खुदवाने को लेकर उनका तर्क है कि इतने बड़े क्षेत्र में नमी बनाए रखने को ध्यान में रखते हुए वे इस तरह का काम किए हैं।