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कमला बलान नदी में जलस्तर में वृद्धि के साथ बाढ़ ने दरभंगा क्षेत्र में दस्तक दे दी है. निचले इलाके में पानी फैल गया है. यातायात प्रभावित हो गया है. उसरी, उजुआ-सिमरटोका, तिलकेश्वर, भिंडुआ, कुशेश्वरस्थान उत्तरी के लोगों का मुख्यालय से सीधा संपर्क भंग हो गया है. यहां के लोगों के आवागमन का रास्ता पानी में डूब गया है. इन पंचायतों के लोगों के आवागमन का सहारा केवल नाव रह गया है.

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इधर केवटगामा, फकदोलिया, भरडीहा गांव के बीच बांस-बल्ले से बना चचरी पुल नदी में उफान के कारण पानी में विलीन हो गया है. यहां के लोगों को अब एक से दूसरे टोल में आवाजाही करने के लिए भी नाव का सहारा लेना पड़ता है.

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चौकिया के रमेश पसावान, प्रेम कुमार, रूनी देवी आदि ने बताया कि प्रत्येक वर्ष हमलोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है. खासकर बाढ़ के समय चार माह तो बलान के पश्चिमी तटबंध पर ही झोपड़ी बनाकर बाल-बच्चों के साथ रहना पड़ता है.

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वहीं बाढ़ का पानी खेतों में फैलने के कारण कहीं कमर तो कहीं घुटनाभर पानी से गुजर कर फसल लाना पड़ता है. सबसे अधिक समस्या पशु चारा की हो गयी है. भरडीहा के दूध व्यापारी दिनेश यादव, पंकज यादव, छोटकी कोनिया के दिलीप यादव सहित कई पशुपालक ने बताया कि हमलोग सालों भर साइकिल या बाइक से तटबंध के पूर्वी भाग में बसे गांवों से घर-घर जाकर दूध लाते हैं.

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पशुपालकों ने बताया कि अब पानी में तैरकर साइकिल से दूध लाना पड़ता है. कमर से ऊपर पानी आने पर वह भी बंद हो जायेगा, तब नाव का सहारा लेना पड़ेगा. कभी-कभी तो नाव की लेट-लतीफी से दूध फट जाता है. इससे नुकसान सहना पड़ता है.

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