राज्यभर में मुख्यमंत्री नल जल योजना एवं अन्य जलापूर्ति योजनाओं के तहत लोगों को टैब से शुद्ध नल का जल पहुंचाया जा रहा है, ताकि लोगों को जलजनित बीमारियों से बचाया जा सके. ऐसे में जलापूर्ति योजना की निगरानी के लिए कोरोना काल में पीएचइडी ने एक हजार पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से बहाली करने का निर्णय लिया है, ताकि गांव- गांव में नियमित शुद्ध पानी पहुंच सके. साथ ही, आयरन, फ्लोराइड व आर्सेनिक प्रभावित वार्डों में पानी की जांच करने में काफी सहूलियत होगा.

यहां होगी तैनाती

राज्य में जिला स्तरीय प्रयोगशाला व 75 अवर प्रमंडलीय प्रयोगशाला को कार्यशील बनाया गया है, जहां पर पानी की गुणवत्ता जांच करने में परेशानी नहीं हो. वहीं, राज्य स्तर पर स्टेट लक्षित कर सुदूर ग्राम में जल जांच के लिए नौ मोबाइल जांच प्रयोगशालाएं हैं, पीएचइडी द्वारा इन सभी जगहों पर आउटसोर्सिंग पर बहाल लोगों को रखा जायेगा.

24 घंटों में ठीक की जायेगी खराब जलापूर्ति

पीएचइडी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नल जल योजना की निगरानी हर दिन की जाये. वहीं, योजना में खराबी आने पर किसी भी हाल में योजना को 24 घंटे के भीतर ठीक किया जाये और लोगों की वाटर स्पलाइ को नहीं रोका जाये. इसके लिए विभाग ने ऑनलाइन भी पोर्टल तैयार किया है.

योजना का जहां हुआ

प्रकार वार्ड काम

  • फ्लोराइड 3814
  • आर्सेनिक 5085
  • आयरन 21,598
  • गैर गुणवत्ता क्षेत्र 25,582

इनकी होगी नियुक्ति

एकाउंटेंट असिस्टेंट: 52, आॅफिस एसिस्टेंट 2, केमिस्ट डिस्टिक वाटर टेस्टिंग लैब : 38, असिस्टेंट केमिस्ट डिस्टिक वाटर टेस्टिंग लैब: 76, लैब असिस्टेंट डिस्टिक वाटर टेस्टिंग लैब:76, केमिस्ट सब डिविजनल वाटर टेस्टिंग लैब: 122, लैब असिस्टेंट सब डिविजनल वाटर टेस्टिंग लैब: 122, डेटा इंट्री आॅपरेटर 160, सैंपल टेकर:160, मल्टी टेस्टिंग स्टाफ:160 सहित अन्य पदों पर होगी बहाली .

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