दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल में दस्तक देने के बाद तेजी से आगे बढऩे का क्रम जारी है। हालांकि बिहार में इसके अब दो-तीन दिन देरी से पंद्रह जून के बाद आने की संभावना है। मानसून की बारिश महाराष्ट्र में शुरू हो गई है। बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में मानसून की सक्रियता काफी बढ़ गई है। अगले 24 घंटे में मानसून के पूर्वोत्तर भाग में बढऩे की उम्मीद है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून इस वर्ष अपने अनुमानित समय से दो दिन देर से पहुंचा है। सामान्यत: मानसून केरल में एक जून को दस्तक देता है, लेकिन इस वर्ष मानसून तीन जून को केरल में आया है। तेजी से आगे बढऩे की उम्मीद की जा रही है।

असम और पूर्वोत्‍तर भारत में बारिश शुरू होने के आसार

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में मानसून की सक्रियता बढऩे से लगता है कि अगले चौबीस घंटे में मानसून की बारिश असम, मिजोरम, त्रिपुरा में शुरू हो जाएगी। उसके बाद बंगाल की ओर मुडऩे की उम्मीद है, फिर झारखंड एवं बिहार में मानसून की बारिश होगी।

मैदानी भाग में आने के बाद कम हो सकती है गति

विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में समुद्र में मानसून की हवा काफी तेज गति से चल रही है, लेकिन जब मानसून मैदानी भाग में प्रवेश करेगा तो उसकी गति धीमी हो सकती है। अब तक के अनुमान के अनुसार, पूर्णिया के रास्ते मानसून बिहार में 15 जून के बाद कभी भी प्रवेश करेगा। उसके बाद राज्य में झमाझम बारिश शुरू हो जाएगी।

मानसून के दौरान राज्य में होती 1000 मिलीमीटर बारिश

राज्य में मानसून के दौरान 1000 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की जाती है। राज्य में सामान्यत: मध्य जून से सितंबर तक मानसून की बारिश होती है। मानसून की बारिश पर ही कृषि निर्भर करती है।

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