blank 20 1

केंद्र सरकार के नए IT रूल्स को लेकर गूगल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। गूगल LCC ने हाईकोर्ट से केंद्र के नए IT एक्ट 2021 से अंतरिम राहत देने की मांग की है। इन रूल्स के तहत केंद्र ने सोशल मीडिया के लिए कई गाइडलाइंस जारी की हैं। गूगल ने कहा है कि वो एक सर्च इंजन है और ऐसे में उस पर ये नियम नहीं लागू होने चाहिए।

मामला सिंगल जज वाली बेंच के एक ऑर्डर से जुड़ा है। बेंच ने महिला याचिकाकर्ता की अपील पर गूगल से कहा था कि वो आपत्तिजनक कंटेंट को हटाए। न केवल भारत में बल्कि हर जगह ये कंटेंट 24 घंटे के भीतर हटाया जाए। महिला ने कहा था कि ये कंटेंट उसके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट से लिया गया था और बिना उसकी सहमति के सर्कुलेट किया गया। इस मामले में कोर्ट के सामने सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने गूगल की दलीलें रखीं।

एक्शन से बचने के लिए गूगल की 3 दलीलें
1.
 सिंगल बेंच के ऑर्डर में हमें सोशल मीडिया इंटरमिडिएरी (SMI) बताया गया है। अब अगर हम ऐसी पोस्ट को हटा नहीं पाते हैं तो हमें नए IT नियमों के तहत किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से बचाया जाए, क्योंकि हम SMI नहीं हैं। पहली बात हम सर्च इंजन हैं। ऐसे में हम IT रूल्स 2021 के तहत SMI के दायरे में नहीं आते हैं।
2. कुछ कंटेंट भारत में अपराध माने जा सकते हैं, लेकिन इन्हें भारत से बाहर जुर्म नहीं माना जाता है। ऐसे में कंटेंट को ग्लोबल स्तर पर हटाने का आदेश नहीं दिया जा सकता है।
3. सिंगल जज की बेंच ने जो ऑर्डर दिया है, वो बेहद बुरी मिसाल स्थापित करेगा।

कोर्ट ने कहा था- अगर महिला को नुकसान पहुंचता है तो ऐसे नियम का मतलब क्या
कोर्ट की सिंगल बेंच ने कहा था- भारत में भी ऐसे कंटेंट को हटाए जाने का नियम लागू है। ऐसे में सर्च इंजन को इस कंटेंट के सर्च रिजल्ट पूरी दुनिया में ब्लॉक करने चाहिए। अगर इन नियमों के चलते किसी याचिकाकर्ता (महिला) को होने वाले नुकसान को वास्तव में नहीं रोका जा सकता है तो फिर ऐसे ऑर्डर जारी करने का मकसद ही पूरा नहीं होगा।

गूगल ने गाइडलाइन मानने की बात कही थी
इससे पहले गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा था कि हम सरकार के IT नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अभी शुरुआती दौर है और हमारी लोकल टीमें इसमें काफी व्यस्त हैं। किसी भी देश के स्थानीय नियमों का हम सम्मान करते हैं और हमारा नजरिया इस दिशा में रचनात्मक रहता है। हमारी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट स्पष्ट है। जब हम किसी सरकार की अपील पर अमल करते हैं तो इसे इस रिपोर्ट में हाईलाइट करते हैं।

साभार – dainik bhaskar

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.