कोरोना महामारी के दौरान समय कुछ ऐसा है कि किसी भी बीमारी को आम मानकर अनदेखा नहीं किया जा सकता। जैसे, कोविड19 के दौरान साधारण खांसी-जुकाम और बुखार को लेकर भी सावधानी बरती जा रही है। कोरोना के मरीजों में हार्ट अटैक मामले भी सामने आए थे। वहीं, कोरोना संक्रमण से रिकवर हुए लोगों में हार्ट अटैक के केसेज सामने आ रहे हैं। कई बार लोग एसिडिटी को हार्ट अटैक डर जाते हैं। सीने में होने वाली तकलीफ हार्ट अटैक है या एसिडिटी इनमें फर्क जानकर समय से इलाज किया जा सकता है। इस बारे में डॉक्टर रजनी शर्मा, (सीनियर कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी, नारायणा हॉस्पिटल) ने इस बारे में जानकारी दी है।

क्या है माइल्ड हार्ट अटैक 
माइल्ड हार्ट अटैक को आम भाषा में लोग छोटा हार्ट अटैक कहते हैं। इस हार्ट अटैक को नॉन एसटी एलिवेशन मायोकार्डियल इंफार्कशन (myocardial infarction) कहते हैं। इसमें हार्ट की नस 100 प्रतिशत नहीं बंद होती है, लेकिन प्रक्रिया वही होती है, जो बड़े हार्ट अटैक में होती है। इस तरह के हार्ट अटैक में ब्लड क्लॉट नस को पूरी तरह बंद नहीं करता है, मगर इसमें हार्ट को डैमेज करने वाले इंजाइम्स बढ़े हुए रहते हैं इसलिए इसे इनकम्प्लीट हार्ट अटैक कहते हैं।

एसिडिटी या गैस और हार्ट अटैक में बेसिक अंतर 
-एसिडिटी या गैस में जो जलन या दर्द होता है वो लगातार नहीं रहता है। दर्द की जगह बदलती रह सकती है। पॉइंट के रूप में चुभन होती।

-एसिडिटी में पीठ में या हाथ के कंधे तक दर्द नहीं होता। इसकी वजह ज्यादातर खान-पान से जुड़ी होती है। 

-हार्ट अटैक में सीने में दर्द की जगह भारीपन, छाती पर दवाब महसूस होता है। मुंह पर पसीना, घबराहट, बेचैनी वगैरह इसके लक्षण हो सकते हैं।

साभार – hindustan

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