उत्तर बिहार में गुरुवार को चक्रवाती तूफान यास का असर दिखा। तेज हवा के साथ झमाझम बारिश हुई। इस दौरान कई स्थानों पेड़ और कच्चे घर भी गिरे। बिजली आपूर्ति बाधित रही। पिछले 24 घंटे में 33.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश से आम, लीची, मूंग और मक्के की फसल को भारी नुकसान पहुंचा। हरी सब्जियों पर भी मौसम की मार पड़ी है। खेतों में लगी फसलें और खलिहान में रखे मक्के का दाना बारिश के चलते खराब होने लगा है। हालांकि, गन्ने की फसल को फायदा पहुंचा। किसान धान का बिचड़ा गिराने में जुटे हैैं।

बारिश के कारण सड़कों पर जलजमाव की समस्या हो गई है। चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में भी जमकर बारिश हुई है। मधुबनी जिले में आंधी के कारण ठाढ़ी के वार्ड 13 में पेड़ गिरने से घर ध्वस्त हो गया। शहर के कई वार्डों में जलजमाव की स्थिति बनी है। ग्रामीण क्षेत्र में भी कई सड़कें जलमग्न हो गई है। कई स्थानों पर लगे टीन शेड हवा में उड़ गए। हालांकि, कहीं से जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। आंधी -पानी को लेकर 29 र्म तक के लिए प्रशासन ने लोगों को अलर्ट किया है।

रुक-रुक कर हो रही बारिश से लीची किसान मायूस

बंगाल की खाड़ी से चला यास चक्रवात का असर गुरुवार सुबह से देर शाम तक दिखा। तेज हवा के साथ रुक- रुक कर दिनभर बारिश होती रही। इससे लोग पूरे दिन घरों में ही दुबके रहे। ग्रामीण क्षेत्र का आम जनजीवन प्रभावित रहा। वहीं, लीची उत्पादक किसानों में मायूसी छा गई। छपरा मेघ के लीची किसान शंकर प्रसाद सिंह, सुरेश शर्मा, राजेश शर्मा, राजीव कुमार सिंह, नवादा के विजय सिंह, राजा बाबू आदि ने बताया कि अधिक बारिश होने का असर चायना लीची की तुड़ाई पर पड़ सकता है।

राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. शेषधर पांडेय ने लगातार हो रही बारिश से चायना लीची में कीड़ा लगने की आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि लीची मे अधिक नमी होने से कीड़ा लग जाता है। लीची फल में कीड़ा से बचाव के लिए उन्होंने किसानों को कीटनाशी दवा का छिड़काव करने की सलाह दी है।

साभार – dainikjagran

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