उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से 6 जनवरी को एक आदेश जारी होता है. आदेश में चार अधिकारियों के नाम.

और इन चारों अधिकारियों के लिए एक नया काम, एक नया पद. चारों अधिकारियों को काम मिलता है चपरासी, चौकीदार या हेल्पर का. बिल्कुल ठीक समझे आप. चारों अधिकारियों का डिमोशन हुआ है. वो भी ऐसा कि अधिकारी से सीधा चौकीदार बना दिया गया.

इस नए आदेश के बाद बरेली के अपर जिला सूचना अधिकारी नरसिंह को चपरासी का पद दिया गया है.

फिरोजाबाद के अपर जिला सूचना अधिकारी दयाशंकर को चौकीदार का पद दिया गया है. इसी तरह मथुरा के अपर जिला सूचना अधिकारी विनोद कुमार शर्मा और भदोही के अनिल कुमार सिंह का भी डिमोशन हुआ.

दोनों को सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक का पद दे दिया गया है. यानी चारों अधिकारियों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के मूल पद पर वापस भेज दिया गया है. जारी की गई चिट्ठी कहती है – ‘उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.’

लेकिन इन अधिकारियों का ऐसा ‘क्रांतिकारी’ डिमोशन किया क्यों गया? चिट्टी की शुरुआत में ये बात लिखी है कि 3 नवंबर 2014 को इन चारों का नियम विरुद्ध जाकर प्रमोशन किया गया था.

इसलिए अब ये कार्रवाई कर इन्हें चतुर्थ श्रेणी के पद पर वपास भेजा जा रहा है. बताते चलें कि 2014 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी.

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