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कोरोना वायरस ने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है. फर्स्ट वेब में जहां गांव सुरक्षित थे, सेकेंड वेब में वहां भी इसका असर देखने को मिल रहा है. गांवों में कोरोना जैसे लक्षण से लोगों की मौतें हो रही हैं. गांव का हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी शहरों की तुलना में काफी निम्न स्तर का है. इसमें लोग चिंतित हैं.

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इन सबके बीच राजस्थान के कोटा में एक सरपंच की सूझबूझ ने गांवों को बचा लिया. पंचायत के 10 में से 7 गांव में कोरोना नहीं पहुंच पाया.

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लटूरी पंचायत में 10 गांव आते हैं. इसमें करीब 5900 की आबादी है. पिछले 20 दिन से वहां आरटीपीसीआर टेस्ट हो रहे हैं और 150 लोगों में 9 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें 6 लोग निगेटिव भी हो चुके हैं. कोरोना मरीजों के लिए गांव वालों ने खुद ही पंचायत भवन में क्वारंटाइन सेंटर बना रखा है.

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इन सबके पीछे क्रेडिट गांव के सरपंच मनीष धाकड़ को दिया जा रहा है. वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई किए हुए हैं और व्यवस्थित तरीके से कोरोना से लड़ाई में लगे हुए हैं. उनका कहना है कि उन्होंने हर गांव में 5-5 लोगों की टीम बना दी. ये लोग घर-घर जाकर सर्वे करते हैं. रोगी मिलने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से दवा किट और इलाज उपलब्ध करवा रहे हैं.

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सरपंच ने लोगों की सुविधा के लिए अपने मोबाइल नंबर को हेल्प लाइन नंबर बना दिया है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि सिम्पटम आने पर वे टेस्ट करा लें. हल्की खांसी जुकान होने पर लोग तुरंत कॉल कर रहे हैं. उन्हें समय पर दवा मिल रही है. उनके पास हर दिन 10 से 15 फोन कॉल आ रहे हैं.

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