बिहार में पांच से 15 मई तक लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान सार्वजनिक स्थानों एवं मार्गों पर लोगों के बिना काम के पैदल निकलने पर भी पूर्णत: पाबंदी रहेगी। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के मद्देनजर इसकी चेन को तोड़ने के लिए यह फैसला लिया गया है।

मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और कहा कि मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ चर्चा के बाद लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है। लॉकडाउन में जहां अनावश्यक आवागमन पर रोक लगी है, वहीं लोगों को राशन, फल-सब्जी, दवाएं व अन्य आवश्यक सेवाओं मिलती रहें, रोजगार प्रभावित ना हो, इसका पूरा ख्याल रखा गया है। सभी प्रकार के निर्माण कार्य यथावत जारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद बाद आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में लॉकडाउन के दौरान कौन-कौन सी आवश्यक सेवाओं को चालू रखना है और क्या प्रतिबंध रहेगा, यह तय किया गया। मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में इससे संबंधित जानकारी दी। बाद में गृह विभाग ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया। आदेश में कहा गया है कि राज्य में कोरोना की संक्रमण की दर पिछले एक सप्ताह से निरंतर 10 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है।

राज्य में पहले से लागू प्रतिबंध के बावजूद संक्रमण की स्थिति गंभीर है। इसको देखते हुए नये प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन वर्तमान में हवाई जहाज और रेल का परिचालन हो रहा है। इसलिए ऐसे यात्रियों के लिए सार्वजनिक परिवहन को कुछ प्रतिबंधों के साथ चलाने की अनुमति दी गई है। किसी भी तरह के इलाज, जांच, टीकाकरण और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निजी वाहन से लोग आ-जा सकेंगे।

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