बिहार सरकार में शामिल जीतनराम मांझी के हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने लॉकडाउन लगाए जाने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. ‘हम’ प्रवक्ता दानिश रिजवान ने लॉकडाउन लगाए जाने पर कहा कि न्यायालय की टिप्पणी के बाद सरकार ने फैसला लिया है. लेकिन इस फैसले से बिहार में गरीब तबका निराश होगा. दानिश रिजवान ने कहा कि कोरोना से गरीब तबका बच भी सकता है, लेकिन लॉकडाउन लगने पर तो वह भूख से ही मर जाएगा.

हम ने की मांग – मजदूरों की भी चिंता करे सरकार

‘हम’ की तरफ़ से सरकार से मांग की गई है कि दिहाड़ी मजदूरों की भी चिंता सरकार करे. क्योंकि, दिन भर काम कर गरीब मजदूर शाम को राशन लाते हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. इसके अलावा बैंक से कर्ज लेने वाले लोगों का ब्याज माफ होना चाहिए और किराए पर रहने वाले लोगों का किराया माफ होना चाहिए. हम ने सरकार को आगाह किया कि ऐसा नहीं करने पर जनता के बीच आक्रोश पनपेगा. जिसका नतीजा बहुत खराब होगा.

लोक जनशक्ति पार्टी ने लॉकडाउन के समय पर उठाए सवाल

उधर, बिहार में सरकार के खिलाफ लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने एक बार फिर सवाल उठाया है. एलजेपी की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि बिहार में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप और प्रदेश सरकार को फटकार मिलने के बाद लॉकडाउन लगाया गया है. अगर लॉकडाउन कुछ दिन पहले लगाया गया होता तो कई जानें बचाई जा सकती थीं. आदरणीय @NitishKumar जी ने लॉकडाउन लगाने में भी देरी की. आरजेडी की तरफ से भी बिहार में लॉकडाउन में देरी को लेकर मुख्यमंत्री को घेरा जा रहा है. लेकिन, सहयोगियों का सवाल सरकार के लिए चुभने वाला है.

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