कोरोना काल में इंसान मर रहा है और साथ में इंसानियत भी मर चुकी है। पिछले एक सप्ताह में कई ऐसी मौत हुई और शव घर में पड़ा रहा, लेकिन किसी ने शव का अंतिम संस्कार करने की पहल नहीं की। पराये तो दूर अपनों ने भी साथ छोड़ दिया। जानीपुर के नगवां डेरा पर 20 वर्षीय युवक की मौत हो गयी। 

मौत के बाद घर के एक कमरे में 12 घंटे तक शव पड़ा हुआ रहा, लेकिन कोरोना से मौत की आशंका को लेकर किसी ने अंतिम संस्कार करने की पहल नहीं की। जबकि घर में भाई, पत्नी, मां व बहन व आधे गांव के सगे-संबंधी लोग थे। लेकिन किसी ने भी शव का अंतिम संस्कार करने की जहमत नहीं उठाई।

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नगवा डेरा निवासी ह्दय नारायण यादव का मृतक सुधीर कुमार बेटा था। सुधीर की मौत बुधवार रात आठ बजे हुई थी। शव को सुबह आठ बजे अंतिम संस्कार लिए एंबुलेंस से भेजा गया। लेकिन शव को परिवार के किसी सदस्य ने कंधा नहीं दिया। वहीं अंतत: ग्रामीणों ने इसकी सूचना फुलवारी शरीफ विधायक गोपाल रविदास को दिया। जिसके बाद गोपाल रविदास सुबह छह बजे नगवां डेरा गांव मृतक के घर पहुंच कर पूरी स्थिति की जानकारी ली। 

इसके बाद जिला प्रशासन से बात कर एंबुलेंस मंगा शव को अंतिम संस्कार के लिए भेजा। गोपाल रविदास ने बताया कि मुझे सूचना मिली तो मैं गया, देखा एक कमरे में युवक शव पड़ा हुआ है। दूसरे कमरे में परिवार के सभी सदस्य हैं, लेकिन किसी ने शव का अंतिम संस्कार करने की जहमत नहीं उठाई। 12 घंटे से शव पड़ा हुआ था। 

परिवारवालों के अनुसार मृतक को करीब आठ से दस दिन से बुखार, खांसी था। यानि कोविड के पूरे लक्षण थे। बुधवार की रात एक रोटी खाकर सुधीर अपने कमरे में गया था और सांस लेने में परेशानी हुई। थोड़ी देर में उसने दम तोड़ दिया। साथ ही विधायक गोपाल रविदास ने यह भी बताया कि मैंने जिलाधिकारी से मृतक के परिजनों को 4 लाख मुआवजा के लिए बात की। जिला प्रशासन ने मुआवजा देने का आश्वासन मिला है।

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