जिले में सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) की करोड़ों की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कर उसपर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की गई है। डीएम प्रणव कुमार ने कब्जा करने वाले सभी लोगों को एक माह में जमीन खाली कर उसका कब्जा वक्फ बोर्ड को देने का आदेश जारी किया है। मुशहरी अंचल के अब्दुलनगर मौजे की एक एकड़ 74 डिसमिल जमीन पर अलग-अलग आठ लोगों का कब्जा है। डीएम के इस आदेश से वक्फ की जमीन पर कब्जा करने वालों में हड़कंप है।

मालूम हो कि बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के सीईओ ने डीएम को सूची भेजी थी। इसमें 14 नवंबर 2019 को वक्फ की जमीन की अवैध रूप से रजिस्ट्री करने की बात कही गई थी। इसमें कहा गया था कि अहियापुर थाना के माधोपुर के शाह अखलाक अहमद रियाज ने छह रजिस्ट्री से आठ लोगों के नाम जमीन लिखी थी। जबकि उक्त जमीन वक्फ बोर्ड की है। डीएम के न्यायालय ने इस मामले में आदेश जारी किया है।

छह अलग-अलग आदेश में आठ लोगों को जमीन खाली करने को कहा है। आदेश में कहा गया है कि वक्फ की संपत्ति को बिना बोर्ड की सहमति के बेचने, दान देने, लीज करने, एक्सचेंज करने आदि पर रोक है। इसके बावजूद बिना आदेश वक्फ की जमीन की खरीद-बिक्री की गई।

जेपी कॉलोनी, चंदवारा निवासी सौरभ कुमार को 40 डिसमिल, अहियापुर के पुनास चतुर्सी के बिजेंद्र कुमार और मझौलिया के विपिन कुमार को 27-27 डिसमिल, शेखपुरा के सुजीत कुमार एवं बीएमपी-6 के सुमन कुमार को 21 डिसमिल, राजा पुनास के बाला लखींद्र एवं मो. असगर को 26 डिसमिल एवं चंदवारा घाट की खुशबू कुमारी को 33 डिसमिल जमीन खाली करने का आदेश दिया गया है। इस माह के अंत तक जमीन वक्फ बोर्ड के हवाले करने की डेडलाइन दी गई है।

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