एक बार फिर धारा 144 लगाए जाने की खबरें आ रही हैं. देश के कई राज्यों में तो राज्यों के कई जिले में धारा 144 लागू हो रही है. वजह है कोविड-19. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी धारा 144 लगा दी गई है

ऐसे में एक बार फिर हम धारा 144 के अंतर्गत ही अपनी जिंदगी को बढ़ाते नजर आएंगे

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फिर ऐसे में हमें ध्यान रखना चाहिए की धारा 144 में हमें क्या करना चाहिए. हमारे पास क्या अधिकार हैं और हमें क्या नहीं करना चाहिए.

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कब लगती है धारा 144

धारा 144 राज्य सरकार के द्वारा लगाई जाती है. राज्य सरकार को लगता है कि इंसानी सुरक्षा संबंधी खतरा, स्वास्थ्य संबंधी खतरा है या फिर दंगे की आशंका है तो सीआरपीसी की धारा 144 लगा देती है. इसके लगने के बाद इंटरनेट सेवा को भी आमजन की पहुंच से दूर किया जा सकता है. ये स्टेट के हाथ में होता है

कौन लगाता है धारा 144

कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर यानी की सीआरपीसी की धारा 144 राज्य सरकार के अंतर्गत आता है और इसे डीएम, एसडीएम या एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट लगाता है. उसके पास ये अधिकार होता है कि अपने विवेक के आधार पर आदेश जारी करके निषेधाज्ञा लागू करे

कितने दिनों तक लग सकती है धारा 144

धारा 144 की एक वाजिब सीमा भी होती है. इसके अंतर्गत आप किसी भी इलाके में 2 महीने से ज्यादा धारा 144 नहीं लगा सकते हैं

हालांकि, स्थिति बहुत गंभीर होने पर इसे बढ़ाया जा सकता है. लेकिन, फिर भी कहीं भी 6 महीने से ज्यादा धारा 144 नहीं लगाया जा सकता है

policePTI

धारा 144 और कर्फ्यू में कोई अंतर

धारा 144 आमतौर पर निषेधात्मक है. इसमें सार्वजनिक तौर पर एकत्रित होने पर पाबंदी होती है. इसमें 3 से ज्यादा लोग एक जगह पर एक साथ नहीं खड़े हो सकते हैं

वहीं, कर्फ्यू में विशेष समय के लिए ही बाहर रहने की छूट मिलती है. इसमें स्कूल-कॉलेज भी बंद होते हैं

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