पटना जिले के सरकारी अफसरों और कर्मचारियों को अब नए-नए मॉडल की कारों पर सवारी करने का मौका मिलेगा।
ऐसा होगा प्रशासन द्वारा शराब से जुड़े मामलों में जब्त किए गए वाहनों के सरकारी इस्तेमाल के जरिये।
शराब बरामद होने पर संबंधित भवनों का उपयोग सरकारी कार्यालय के रूप में किए जाने के परंपरा पहले ही शुरू कर दी गई है। अब मद्य निषेध कानून के अंतर्गत जब्त वाहनों को भी सरकारी कामकाज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने शुक्रवार को छापेमारी के विशेष अभियान की समीक्षा करते हुए उक्त निर्णय लिया।
शराबबंदी के तहत जिले में अब तक 3326 वाहन जब्त
डीएम ने बताया कि छापेमारी अभियान के तहत अब तक 3326 वाहनों की जब्ती की गई है। 1037 वाहनों को राज्यसात कर लिया गया।
हाईकोर्ट के आदेश से 305 वाहनों को मुक्त किया गया। 557 वाहनों की नीलामी की गई। शेष वाहनों की भी नियमानुसार नीलामी करने का निर्देश दिया गया है।
बताया गया कि 2677 वाहन पुलिस द्वारा, 629 वाहन उत्पाद विभाग द्वारा, छह वाहन रेल पुलिस विभाग द्वारा और 14 वाहन आॢथक अपराध इकाई द्वारा जब्त किए गए हैं। नीलाम किए गए 557 वाहनों से तीन करोड़ 66 लाख राशि प्राप्त हुई है।