पिछले साल सितंबर माह में हुई एसटीईटी (2019 ) की पुनर्परीक्षा को कानूनी चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को पटना हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन एमानुल्लाह की एकलपीठ ने आदित्य प्रकाश व अन्य की ओर से दायर रिट याचिका को खारिज करते हुए इस मामले में किसी भी कानूनी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि इसी मामले में गत 26 नवंबर को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने एसटीईटी पुनर्परीक्षा के रिजल्ट पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी।
गुरुवार को इस रिट याचिका के खारिज होने के साथ ही उक्त अदालती रोक भी स्वतः खत्म हो गई। अब सूबे के माध्यमिक शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है।
एसटीईटी (2019 ) की पुनर्परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज
याचिकाकर्ता ने दो बिंदुओं पर एसटीईटी की पुनर्परीक्षा परीक्षा को चुनौती दी थी।
पहला विरोध ऑनलाइन परीक्षा को लेकर था। दूसरा परीक्षा के सिलेबस तय नहीं होना बताया गया था। विद्यालय परीक्षा बोर्ड की तरफ से उनके वरीय अधिवक्ता व बिहार के महाधिवक्ता ने ललित किशोर ने बहस की।
उनका साथ बोर्ड के वकील ज्ञान शंकर ने दिया। बोर्ड की तरफ से विरोध करते हुए कहा गया कि हाई स्कूल शिक्षकों को इतनी कम्प्यूटर दक्षता होनी चाहिए कि वो ऑनलाइन परीक्षा दे सकें।
सितंबर 2020 में ऑनलाइन पुनर्परीक्षा में कोई गड़बड़ी की शिकायत नहीं है। सिलेबस के मुद्दे पर बोर्ड की दलील थी कि परीक्षा विज्ञापन में ही यह साफ किया गया था कि प्रश्न उच्चतर माध्यमिक सिलेबस तक के पूछे जाएंगे।
हाईकोर्ट ने बोर्ड के दलीलों को मंजूर करते हुए रिट याचिका को खारिज कर दिया