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देश में नए श्रम कानूनों के प्रावधानों के चलते उद्योग जगत को नौकरियां बढ़ने के बजाए घटने की चिंता सता रही है।

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उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ यानि सीआईआई ने सरकार को पिछले हफ्ते भेजे अपने सुझाव में कहा है कि बेसिक सैलरी का हिस्सा बढ़ाने के प्रस्ताव से नई नौकरियों पर असर देखने को मिल सकता है।

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CII के मुताबिक नए वेज नियमों में भत्तों का हिस्सा कुल सैलरी में 50 फीसदी से ज्यादा न रखने का प्रस्ताव किया गया है।

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इससे पीएफ के साथ साथ ग्रेच्युटी भी औसतन 35-45 पर्सेंट तक बढ़ सकती है।

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इस व्यवस्था से कोरोना के धीरे धीरे उबर रही इंडस्ट्री के सैलरी बिल में बढ़त हो जाएगी।

उद्योग संगठन ने ये भी कहा है कि अगर ये नियम इसी हालात में लागू हुए तो कंपनियों को इस मद में अतिरिक्त रकम रखनी होगी जिससे कारोबारी गतिविधियों को चला पाना और नई नौकरियां देना मुश्किल हो जाएगा।

सीआईआई ने इन नियमों को एक साल तक टालने का सुझाव देते हुए इस बारे में व्यापक अध्ययन के बाद ही लागू करने की अपील की है।

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