अहमदाबाद के रहने वाले प्रतीक घोडा ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की पढ़ाई की है। प्रतीक जिस कंपनी में नौकरी कर रहे थे

वहाँ उनकी सैलरी काफ़ी अच्छी थी। इसके बावजूद भी इनका मन नौकरी में नहीं लग रहा था और कहीं ना कहीं इनके मन में ख़ुद का बिजनेस करने का ख़्याल आ रहा था।

आखिरकार इन्होंने अपने नौकरी का छोड़ने का फ़ैसला लिया और शहद का बिजनेस शुरु किया। बिजनेस शुरू करने के कुछ महीनों के अंदर ही इनका बिजनेस काफ़ी ग्रो कर गया और लगभग 30 लाख का टर्न ओवर पहुँच गया।

यह सवाल पूछने पर कि आपने शहद का बिजनेस ही क्यों शुरू किया इसके जवाब में प्रतीक कहते हैं कि इसके पीछे बहुत मनोरंजक कहानी है।

एक रिसर्च के दौरान प्रतीत जामनगर में एक बैधराज के पास गए थे। वहाँ कुछ मरीज अपने शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द के इलाज़ के लिए आए हुए थे।

तब उस वैधराज ने मरीजों के इलाज़ एक बॉक्स मंगवाया और उस बॉक्स में से एक मधुमक्खी निकाली उसके बाद उस मधुमक्खी से मरीज के शरीर में दर्द वाले हिस्से पर डंक लगवा दिया।

आगे प्रतीक ने बताया कि मुझे बहुत आश्चर्य हुआ यह देखकर की डंक लगने के साथ ही मरीज के शरीर के दर्द काफ़ी कम हो गए।

जब प्रतीक ने वैद्यराज से इस चमत्कार का कारण पूछा तो उन्होंने कहा यह कोई चमत्कार नहीं है बल्कि एक थेरेपी है।

यहीं से प्रतीक को मधुमक्खी पालन का एक आईडिया मिला और उन्होंने वैधराज से शहद और मधुमक्खी पालन के बारे में काफ़ी जानकारियाँ हासिल की।

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