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देश में इन दिनों हर तरफ महगाई का दौर चल रहा है. खास बात यह है की ग्लोबल मार्केट में तेल के भाव में तेजी के बाद भी घरेलू मार्केट में खाने वाले तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. यहां पर सरसों (mustard oil), सोयाबीन समेत कई तेलों की कीमतों में कटौती देखने को मिली है. बता दे की इसके साथ ही कुछ तेल की कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. इसके साथ ही कारोबार की मांग कमजोर होने के बाद भी सीपीओ और पामोलीन तेल की कीमतों में सुधार देखने को मिला है.

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सरसों और रिफाइंड है काफी सस्ता : जानकारों की माने तो आयातित तेलों की मांग भी नहीं के बराबर है जिससे पिछले साल के मुकाबले इस बार अप्रैल में आयात लगभग 13 फीसदी घटा है. आपको बता दे की सीपीओ और पामोलीन तेल के मुकाबले विशेषकर उत्तर भारत में सरसों रिफाइंड भी काफी सस्ता है. सीपीओ और पामोलीन के केवल भाव ही भाव हैं, देश में इन तेलों की मांग न के बराबर है. स्थानीय उपभोक्ता आयातित तेलों की कमी को सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और बिनौला जैसे तेलों से पूरा कर रहे हैं.

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सरसों का तेल हुआ सस्ता : खबरों की माने तो पिछले हफ्ते के मुकाबले सरसों दाने का भाव 50 रुपये टूटकर 7,615-7,665 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. सरसों दादरी तेल 100 रुपये टूटकर 15,300 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ. वहीं, सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी 15-15 रुपये फिसलकर क्रमश: 2,405-2,485 रुपये और 2,445-2,555 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं.

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