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सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक BPSC (Bihar Public Service Commission) क्लीयर करना लगभग हर युवा का सपना होता है। हालांकि, इसमें सफलता चंद छात्रों को ही मिल पाती है। और जब उसे सफलता मिलती है तो वही शख्स आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का कारण बनते हैं | आज हम एक छोटे से कस्बे की रहने वाली BPSC (Bihar Public Service Commission) टॉपर की बात करेंगे। बता दे की BPSC सेकेंड टॉपर चंदा भारती लड़कियों में टॉपर हैं. बांका की बेटी चंदा भारती बीपीएससी में सेकंड टॉपर बनी हैं। चार भाई-बहनों में इकलौती बहन चंदा भारती की पढ़ाई लिखाई झारखंड से हुई है। वह वर्तमान में रेवेन्यू सर्विस में हैं।

चंदा भारती बचपन से ही नेतृत्व करने में आगे थी. माता कुंदन कुमारी के अनुसार, स्कूल और इंजीनियरिंग कॉलेज में भी अपने कक्षा में छात्रों का नेतृत्व करती थी. चंदा भारती ने बताया कि झारखंड के पाकुड़ से डीएवी स्कूल से उन्होंने दसवीं की पढ़ाई पूरी की तथा डीपीएस बोकारो से उन्होंने 12वीं की पढ़ाई की। इसके बाद बीआईटी सिंदरी से उन्होंने इंजीनियरिंग किया। उनके तीन भाई हैं तीनों इंजीनियर हैं। पिता विवेकानंद यादव झारखंड के गढ़वा में सहायक इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं।

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समाज व राज्य के लिए काम करने की चाहत ने BPSC की ओर खींचा
चंदा भारती ने बताया कि पढ़ाई के दौरान डीएवी स्कूल, पाकुड़ के प्रिंसिपल डॉ विजय कुमार यादव हमेशा प्रेरित करते थे और कहते थे कि प्रशासनिक अधिकारी बनोगी. चंदा ने कहा कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर अपने कैरियर के लिए बेहतर काम कर सकते थे, लेकिन मन में जो इच्छा थी कि समाज और राज्य के लिए काम करें, वो इंजीनियरिंग क्षेत्र में संभव नहीं था. इसलिए BPSC की परीक्षा में सफल होना चाहती थी.

10वीं तक की पढ़ाई डीएवी स्कूल, पाकुड़ से 2010 में पूरा किया. वहीं, 12वीं की पढ़ाई डीपीएस बोकारो से की. इसके बाद BIT सिंदरी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. चंदा भारती ने दूसरे प्रयास में BPSC में सफलता प्राप्त की है

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