एक फरवरी से बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षा शुरू होगी। कोरोना के बाद राज्य में इस तरह की यह पहली परीक्षा होगी। कोरोना से बचाव की गाइडलाइन के तहत परीक्षा कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी।

इसे लेकर तैयारी जोरों पर है। कहने को तो हर सेंटर पर लाइट, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था कर ली गई है, लेकिन हकीकत कुछ और है।

परीक्षार्थियों की सुविधा के मद्देनजर जिले के सभी 82 परीक्षा केंद्रों पर लाइट, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है।

लेकिन अधिकांश परीक्षा केंद्र बदहाल है। कहीं गंदगी का साया है तो कही शौचालय बदहाल। इतना ही नहीं केंद्रों पर पेयजल की भी माकूल व्यवस्था नहीं है।

बिजली का अभाव है। परीक्षा कक्ष बदहाल है। क्लास रूम में दिखी गड़बड़ी

शहर का तिरहुत एकेडमी विद्यालय। यहां एक फरवरी से इंटर की परीक्षा शुरू होगी। इस केंद्र के इर्द-गिर्द गंदगी का साम्राज्य है।

शौचालय गंदगी की गिरफ्त में हैं। कमरों के गेट- खिड़की जर्जर हालत में है। बिजली के तार बिना पाइप के वायरिग दिखे। कक्ष में बल्ब तक नहीं लटका हुआ था।

पेयजल के लिए यहां एक चापाकल दिखा। इसके अलावा एक आरओ सिस्टम दिखा लेकिन वह बंद हालत में मिला। विद्यालय के बाहरी परिसर में चारों ओर गंदगी फैली दिखी।

मैदान में जलमग्न दिखा। विद्यालय के भीतरी परिसर में सजावट के रूप में पौधा लगा दिखा। वाश बेसिन में जमी थी गंदगी|

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