केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने शुक्रवार दोपहर शास्त्री पार्क में अपने खिलाड़ियों के लिए मोटिवेशनल सेशन आयोजित किया। इसमें मुख्य रूप से टोक्यो ओलिंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया व टेबल टेनिस की खिलाड़ी मनिका बत्रा रहीं। दोनों खिलाड़ियों ने सीआइएसएफ के जवानों को खेल के दांवपेच बताने के साथ ही ओलिंपिक के अपने अनुभवों को साझा किया। खेलों में पदक जीतने के मंत्र भी जवानों को दिए।

बजरंग पूनिया ने कहा, उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी न कर पाने का मलाल होता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले ओलिंपिक में उनका लक्ष्य गोल्ड लाने का है। सेशन में कई जवान ऐसे थे, जिनके साथ बजरंग पूनिया कुश्ती लड़ चुके थे। जिसमें पूनिया को जीत और हार दोनों का सामना करना पड़ा था। ऐसे खिलाड़ियों को अपने बीच पाकर पूनिया काफी उत्साहित दिखे। दोनों खिलाड़ियों से जवानों ने सवाल-जवाब भी किए।

आपको बता दे की एक जवान के सवाल के जवाब में बजरंग पूनिया ने कहा कि देश में कुश्ती को जीवित करने का श्रेय सुशील पहलवान को जाता है। सुशील देश के पहलवानों के आदर्श हैं। वह सुशील के मौजूदा विवाद में नहीं पड़ना चाहते, लेकिन सुशील ने कुश्ती के लिए जो किया वह देश जानता है। उन्होंने कहा कि वह बचपन में पढ़ाई से बचने के लिए अखाड़े चले जाते थे, वहां जाकर पहलवानी सीख ली। उन्हें जीवन भर अफसोस रहेगा, काश वह खेल के साथ पढ़ाई भी कर पाते।

विदेश जाकर उन्हें पढ़ाई न कर पाने का बहुत मलाल होता है। उनके पिता अच्छे पहलवान तो नहीं हैं, लेकिन उनका सपना था उनका बेटा देश के लिए मेडल लाए। उनका सपना पूरा करने के लिए उन्होंने दिन-रात एक किया। टोक्यो ओलिंपिक में कोरोना की वजह से खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए काफी कम समय दिया गया था। उनका लक्ष्य 2024 के ओलिंपिक में गोल्ड मेडल लाना है।

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