बिहार (bihar) में प्राइमरी स्कूलों (Bihar School) में पढ़ने वाले 1 करोड़ 29 लाख 6682 बच्चों को बिहार सरकार (Bihar Government) तोहफा देने जा रही है. शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए सरकार बच्चों को किताबें खरीदने के लिए एक हफ्ते में फंड मुहैया कराएगी. आपको बता दे की बच्चों के कॉपी-किताबें खरीदने (Book Buying) पर बिहार सरकार (Bihar Government) 402 करोड़ 71 लाख 15 हजार 200 रुपये खर्च करने जा रही है. क्लास 2 से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं के खातों में बिहार सरकार (Bihar Government) सीधे फंड ट्रांसफर (Fund Transfer) करेगी. मौजूद सत्र में पहली क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को किताबों के लिए पैसा बाद में दिया जाएगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दे की पिछले 4 महीने से बंद स्कूल सोमवार से ही खुले हैं. बच्चे पहले दिन बिना किताबों के ही स्कूल पहुंच गए थे. मामले उठने के बाद शिक्षा मंत्री (Education Minister) विजय चौधरी ने खुद हालात की समीक्षा की. अधिकारियों को तुरंत मामले में एक्शन लेने का निर्देश दिया गया था. शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि बच्चों के पास किताबें होनी ही चाहिए, जिसे लेकर अब तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
बच्चों को किताबों के लिए पैसा देगी सरकार
एक हफ्ते में बच्चों के खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे, जिससे वह पढ़ाई के लिए किताबें खरीद सकें. शिक्षा मंत्री ने पुस्तक निगम के प्रबंध निदेशक को सभी जिलों में किताबों की उपलब्धता को लेकर समीक्षा के निर्देश जारी किए. आपको बता दे की सभी प्रकाशकों को बच्चों को किताब खरीदने की सुविधा देने का निर्देश दिया गया. बिहार सरकार (Bihar Government) अकेडमिक सेशन 2021-22 में दूसरी से आठवीं तक की क्लास में पढ़ने वाले 1 करोड़ 29 लाख 6682 स्टूडेंट्स के खाते में किताब खरीद का पैसा डालेगी.
1 से 4वीं क्लास के बच्चे को मिलेंगे 250 रुपये
1 से 4वीं क्लास में पढ़ने वाले हर बच्चे को 250 रुपये, 5वीं से 8वीं तक के स्टूडेंट्स को 400 रुपये किताब खरीद के लिए दिए जाएंगे. 1 से 4वीं क्लास में पढ़ने वाले 75 लाख 70 हजार 384, वहीं 5 से 8वीं तक के 53 लाख 36 हजार 298 स्टूडेंट्स को किताबों के लिए बिहार सरकार पैसा देगी. शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बच्चों के पास हर हाल में किताबें होनी ही चाहिए. किताबें टेक्सबुक के माध्यम से बाजार में उपलब्ध होंगी.