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टोक्यो आलंपिक में जाना और अपने देश का प्रतिनिधित्व करना हर खिलाड़ी का सपना होता है, कुछ ऐसा ही सपना लेकर ओलंपिक पहुंची थीं दिग्गज बॉक्सर मैरी कॉम। इस बार मैरी काॅम का आखिरी ओलंपिक था, जिसे लेकर वह सालों से मेहनत करते हुए आ रही थीं। 51 किलोग्राम वेट कैटेगरी में मैरी काॅम को अंतिम-16 में हार का सामना करना पड़ा और उनका दूसरा ओलंपिक जीतने का सपना टूट गया। शायद अब बाॅक्सर का सफर यहीं खत्म हो गया है।

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टोक्यो खेलों में प्री-क्वार्टर फाइनल में रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता इंग्रिट वालेंसिया से उन्हें 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि मैरी कॉम की इस हार पर कई सवाल भी उठ रहे हैं। खुब मैरी कॉम को भरोसा नहीं हो रहा है कि अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उन्हें विजयी घोषित क्यों नहीं किया गया। वहीं मैरी कॉम ने अपने ताजा ट्वीट में खुलासा किया है कि मैच से एक मिनट पहले उन्हें अपनी ड्रेस बदने के लिए कहा गया।

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मैरी काॅम ने हार कर जीता देशवासियों का दिल

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मैरी काॅम भले ही दूसरा ओलंपिक जीतने में असमर्थ रहीं लेकिन उन्होंने पूरे भारतवासियों को दिल जीता है। मैच के दौरान जैसे ही रैफरी ने निर्णायक फैसला सुनाया तो मैरी काॅम निराश जरूर दिखीं लेकिन अपनी खेल भावना से उन्होंने भारत के हर व्यक्ति का दिल जीत लिया है। मैरी काॅम ने हार के बाद अपनी विरोधी बाॅक्सर इनग्रिट वेलेंसिया को गले से लगा लिया। दूसरी तरफ वेलेंसिया ने भी मैरीकाॅम को गले से लगाया और वे भी भावुक हो गईं। ये वो समय था जब मैरीकाॅम की आंखों में आंसू जरूर थे लेकिन चेहरे से उनके मुस्कुराहट कम नहीं हुई थी।

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ये ओलंपिक बड़ा ही बेकार ऑर्गनाइज्ड है

मैरीकाॅम को अभी तक इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि वह अपने जीवन का दूसरा ओलंपिक हार चुकी हैं। अपने इमोशनल को बंया करते हुए मैरीकाॅम ने बताया कि उन्हे आखिरी तक इस बात का अहसास नहीं हुआ कि वे हार गईं। वे लगातार खुद को बतौर विजेता देख रहीं थीं। उन्होंने बताया कि ‘‘रिंग के अंदर मैं खुश थी, मैच खत्म होने के बाद भी दुखी नहीं थी। मैं अपने दिमाग में जानती थी कि ये मैच जीत लिया गया है। लेकिन जब सोशल मीडिया और अपने कोच को देखा, तब अहसास हुआ कि मैच मैं गंवा चुकी हूूं। ये ओलंपिक सबसे ज्यादा बेकार ऑर्गनाइज्ड है, ओलंपिक के अंदर ही कुछ चल रहा है।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.