बस्तर का नियाग्रा कहा जाना वाला चित्रकोट जलप्रपात सावन आते ही झूम उठा है। इंद्रावती में इन दिनों भरपूर पानी है। सावन के पहले दिन यानी रविवार को चित्रकोट जलप्रपात का सौंदर्य निहारने हजारों सैलानी जुटे थे। झरने के पानी की भारी गर्जना लोगों को सम्मोहित कर रही है। 90 फीट की ऊंचाई से गिरता पानी प्रबल वेग से उछलकर जब 60 फीट तक वापस लौटता, तो नदी में धुंध छा जाती है।
कोरोना की पहली लहर से लेकर दूसरी लहर के बाद इस रविवार को चित्रकोट पूरे शबाब पर रहा और सैलानी खुशी से चहकते नजर आए। चित्रकोट को देखने दूर-दराज के शहरों से आए सैलानी यह झरना किस नदी पर है, कितना ऊंचा है जैसे सवाल करते रहे। चित्रकोट की ख्याति देश ही नहीं दुनियाभर में है
जलप्रपात के आस-पास बस्तर की कलाकृति की दुकान सजाने वाले, होटल व अन्य दुकानदार इस दौरान खाली बैठे रहे।
प्रवेश द्वार पर कोरोना जांच
जलप्रपात के प्रवेश द्वार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना की जांच के लिए तैनात है। वॉलंटियर लोगों को समझा रहे हैं कि मास्क लगाकर ही आगे जाएं। लाउडस्पीकर पर कोरोना से बचाव के उपाय अपनाने, शारीरिक दूरी का पालन करने की हिदायत जारी की जा रही है। ज्ञात हो कि इंद्रावती नदी पर जगदलपुर से 40 किमी की दूरी पर चित्रकोट जलप्रपात स्थित है।