बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 साल के बाद एकबार फिर जनता दरबार लगाया है. चार देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में सुबह 11 बजे से फरियादियों का आना शुरू हुआ. सीएम तय समय पर यहां पहुचे और जनता की समस्याओं को सुनना शुरू किया. इस दौरान जनता दरबार वाले भवन के आसपास के इलाके में सुरक्षा के मजबूत इंतजाम किये गये. वहीं उन फरियादियों को ही मिलने का मौका दिया गया जिन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया था और उन्हें अनुमति दी गयी थी.

जनता दरबार में सीएम ने लोगों के फरियाद सुने. इस दौरान लोग मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याओं को सुनाते और सीएम नीतीश कुमार उस विभाग से संबंधित मंत्री या अधिकारियों से फोन पर बात करके फौरन उस समस्या का समाधान करने का आदेश जारी करते दिखे. इस दौरान कई शिकायतों को सुनने के बाद सीएम हैरान होते भी दिखे. वहीं उन्होंने नाराजगी जताते हुए यह तक कहा कि अगर वो जनता दरबार फिर से नहीं लगाते तो शायद जान भी नहीं पाते कि लोग किस तरह की समस्याओं से जुझ रहे हैं. इससे पता चल रहा है कि समस्याएं किस तरह की आ रही है.

जनता दरबार में सीएम ने अल्पसंख्यक विभाग से जुड़ी शिकायत लेकर आए एक फरियादी की शिकायत को सुना. फरियादी ने सीमए को बताया कि उसे रोजगार लोन योजना का लाभ नहीं दिया गया. जबकि 2019 में स्वीकृत कर दिया गया था. सीएम ने संबंधित विभाग के वरीय अधिकारी से फोन पर बात करते हुए निर्देश दिया कि ये गलत हो रहा है. अगर लोन स्वीकृत है तो इसे नहीं देना कहीं से सही नहीं है. वहीं सारण के जेपी यूनिवर्सिटी में सेशन लेट होने की शिकायत को भी सीएम ने सुना और इसे सही करने का निर्देश भी दिया.

वहीं कुछ मामले आंगनबाड़ी से जुड़े हुए भी आए. आंगनबाड़ी सेविका ने अपनी शिकायत में सीएम को बताया कि दो-तीन साल से पेमेंट नहीं किया जा रहा है. इस मामले पर सीएम नीतीश काफी नाराज दिखे. उन्होंने संबंधित विभाग के मंत्री को फोन लगाकर अपनी नाराजगी बतायी. सीएम ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं. ये सही नहीं है. सीएम ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को ढूंढा और फोन पर बात करने का आदेश दिया.

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